Kohinoor of India : भारत के हर राज्य की अपनी एक पहचान है, लेकिन आंध्र प्रदेश को अक्सर “भारत का कोहिनूर” कहा जाता है. जैसे कोहिनूर हीरा बहुत कीमती और चमकदार होता है, वैसे ही आंध्र प्रदेश भी भारत के लिए बहुत खास है. ये राज्य संस्कृति, इतिहास, खेती, उद्योग और तकनीक के मामले में बहुत आगे है.
कोहिनूर हीरा सबसे पहले आंध्र प्रदेश की कोल्लूर खान से निकला था. ये दिखाता है कि आंध्र प्रदेश की धरती कितनी कीमती है. हालांकि अब वो जगह तेलंगाना में आती है, लेकिन आंध्र की पहचान कोहिनूर से जुड़ी रही है. इसलिए इसे “भारत का कोहिनूर” कहा जाता है.
हजारों साल पुराना इतिहास
आंध्र प्रदेश का इतिहास बहुत पुराना है – करीब 2000 साल से भी ज्यादा. कई बड़े-बड़े राजवंशों ने यहां राज किया, जैसे सातवाहन, पल्लव, चालुक्य, काकतीय और विजयनगर. इन राजाओं ने मंदिर, गुफाएं और शिल्पकला बनाई जो आज भी देखी जा सकती हैं. अमरावती स्तूप, लेपाक्षी मंदिर और उंडावल्ली की गुफाएं इसका उदाहरण हैं. ये सब हमें आंध्र की समृद्ध संस्कृति और परंपरा के बारे में बताते हैं.
अमरावती: भविष्य का शहर
आंध्र प्रदेश ने अपनी नई राजधानी अमरावती को बहुत सोच-समझकर बनाने का सपना देखा है. ये शहर माडर्न, साफ-सुथरा और टिकाऊ (eco-friendly) बनेगा. अमरावती को शिक्षा, सरकारी काम, व्यापार और टेक्नोलॉजी का केंद्र बनाने की योजना है.
खेती में आगे, उद्योग में मजबूत
आंध्र प्रदेश को “भारत का धान का कटोरा” कहा जाता है, क्योंकि यहां बहुत ज्यादा धान उगाया जाता है. इसके अलावा, ये आम, मिर्च, तंबाकू और मछली उत्पादन में भी देश में सबसे आगे है. यहां के बंदरगाह (ports) और उद्योग नीति बहुत मजबूत हैं, जिससे यहां देश-विदेश से निवेश (investment) आता है. विशाखापट्टनम–चेन्नई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर जैसे प्रोजेक्ट आंध्र को और भी विकसित बना रहे हैं.
इतिहास, संस्कृति, खेती, उद्योग और भविष्य की सोच – इन सब बातों को मिलाकर देखें, तो आंध्र प्रदेश सच में “भारत का कोहिनूर” है. ये राज्य हमारे देश की ताकत और चमक को दर्शाता है.