UP Police Encounter: उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने एक खतरनाक और खूंखार अपराधी शाहरुख पठान का अंत कर दिया। 50 हज़ार का इनामी और संजीव जीवा गैंग का खास शूटर शाहरुख पठान शनिवार सुबह मुजफ्फरनगर के छपार इलाके में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। ये वही शाहरुख था जो हत्या, रंगदारी, हथियारों के गैरकानूनी इस्तेमाल, और गवाहों को मारने की धमकियों जैसे मामलों में कई जिलों की पुलिस को लंबे समय से चकमा दे रहा था।
कहां और कैसे हुई मुठभेड़?
घटना मुजफ्फरनगर के बिजोपुरा चौराहे के पास जंगल की है, जहां मेरठ STF को इनपुट मिला था कि वांछित बदमाश शाहरुख अपने गैंग के साथ छिपा हुआ है। टीम ने तुरंत घेराबंदी की और जवाबी फायरिंग में शाहरुख पठान गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
STF ने शाहरुख पठान के पास से इटली की 30 एमएम बरेटा पिस्टल, 32 एमएम आर्डिनेंस रिवॉल्वर, 9 एमएम देसी पिस्टल, बिना नंबर की सफेद ब्रेजा कार, कुल 63 ज़िंदा कारतूस और 6 खोखा कारतूस बरामद किए हैं।
खौफ का दूसरा नाम था शाहरुख पठान
मेरठ STF के एसपी बृजेश सिंह ने बताया कि शाहरुख का नाम अपराध की दुनिया में खौफ का पर्याय बन चुका था। वह न केवल संजीव जीवा बल्कि मुख्तार अंसारी जैसे माफियाओं के बेहद करीब था। उसने कई हत्याएं, गवाहों की हत्या और पुलिस पर हमले तक किए थे।
लंबा और खतरनाक आपराधिक इतिहास
शाहरुख पर कुल 11 संगीन मामले दर्ज थे, जिनमें शामिल हैं:
1- 19/15 धारा 302 IPC थाना GRP मुजफ्फरनगर
2- 46/15 धारा 2/3 गैंगेस्टर एक्ट GRP मुजफ्फरनगर
3- 621/15 धारा 25/27 आर्म्स एक्ट सिविल लाइन मुजफ्फरनगर
4- 230/17 धारा 223/224 IPC थाना सिविल लाइन मुजफ्फरनगर
5- 1066/16 धारा 3 गुंडा एक्ट कोतवाली नगर मुजफ्फरनगर
6- 139/17 धारा 302 120 बी 34 IPC थाना कोतवाली नगर हरिद्वार
7- 394/17 2/3 गैंगेस्टर एक्ट थाना कोतवाली नगर हरिद्वार
8- 744/17 धारा 386 IPC थाना कोतवाली नगर मुजफ्फरनगर
9- 774/17 धारा 302 120 बी 506 IPC कोतवाली नगर मुजफ्फरनगर
10- 2025/17 धारा 174 ए IPC कोतवाली नगर मुजफ्फरनगर
11- 226/25 धारा 109 , 126, 208, 351 BNS थाना बनियाठेर संभल
क्राइम टाइमलाइन
- इनमें से कुछ मामले मुजफ्फरनगर, हरिद्वार और संभल जिलों में दर्ज हैं।
- जेल से गैंगस्टर बना, फिर जेल से बाहर आकर फिर फैलाया आतंक
- 2015 में पुलिस कस्टडी में रेलवे स्टेशन पर आसिफ जायदा की हत्या कर दी।
- जेल में रहते हुए संजीव जीवा और मुख्तार अंसारी से नजदीकियां बढ़ीं और फिर पूरी तरह गैंग का हिस्सा बन गया।
- 2016 में फरार हुआ, 2017 में हरिद्वार में कंबल व्यापारी गोल्डी की हत्या कर दी।
- आसिफ जायदा हत्याकांड के गवाह उसके पिता की भी हत्या कर दी गई।
उसे गोल्डी मर्डर केस में उम्रकैद हुई, लेकिन कुछ समय पहले जमानत पर बाहर आया और फिर गवाहों को धमकाने लगा। संभल जिले में उस पर फिर हत्या के प्रयास का केस दर्ज हुआ।
अब खत्म हुआ एक अध्याय, पर कई सवाल बाकी हैं
शाहरुख पठान की मौत से एक लंबे आपराधिक अध्याय का अंत जरूर हो गया है, लेकिन यह मुठभेड़ इस बात की ओर भी इशारा करती है कि अपराधी जेल से निकलकर भी समाज के लिए खतरा बन रहे हैं। STF की यह कार्रवाई पुलिस की सतर्कता का प्रमाण है, पर साथ ही यह भी बताती है कि अभी भी अपराध की दुनिया में ऐसे कई चेहरे सक्रिय हैं जिनसे निपटना बाकी है।
शाहरुख पठान का अंत एक बड़े अपराधी का खात्मा है, लेकिन ये माफिया नेटवर्क की गहराई और जड़ें भी उजागर करता है। STF की इस कार्रवाई को उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था के लिहाज से एक बड़ी कामयाबी माना जा रहा है।