Tushar Gandhi: बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने अपनी-अपनी तैयारी शुरू कर दी है। इस बीच महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी भी बिहार के मोतिहारी में पहुंचे। यहां तुषार गांधी उसी ऐतिहासिक नीम के पेड़ के नीचे बैठे थे, जहाँ महात्मा गांधी ने चंपारण सत्याग्रह के दौरान किसानों की पीड़ा सुनी थी। यह पेड़ 100 साल से भी ज्यादा पुराना है। तुषार गांधी ने 12 जुलाई को पश्चिमी चंपारण से अपनी पदयात्रा शुरू की थी और रविवार को तुरकौलिया में थे।
मुखिया ने किया दुर्व्यवहार
लेकिन रविवार को स्थानीय मुखिया ने तुषार गांधी के साथ दुर्व्यवहार किया और उन्हें अपमानित करके सभा से बाहर निकाल दिया। बापू के संघर्षों को याद करने के लिए शुरू की गई यात्रा राजनीतिक तानों का शिकार हो गई। रिपोर्ट के अनुसार, तुषार गांधी तुरकौलिया में एक नीम के पेड़ के नीचे एक संगोष्ठी में शामिल हो रहे थे। इस दौरान तुषार गांधी के साथ आए एक पदयात्री ने महागठबंधन के लिए वोट देने की अपील कर दी और महागठबंधन के उम्मीदवारों को जिताने की अपील की।
जोकि, कार्यक्रम के आयोजक और स्थानीय मुखिया बिनय सिंह को यह बात रास नहीं आई और उन्होंने गांधीजी के परपोते तुषार गांधी पर बरसना शुरू कर दिया। स्थानीय मुखिया ने कहा कि लोग सीएम नीतीश कुमार और पीएम नरेंद्र मोदी के काम से खुश हैं। नीतीश सरकार अच्छी है, मोदी सरकार में सभी को फायदा हुआ है।
“Nitish & Modi have worked for the poor. All are progressing. You are Gandhi’s dynast? GET OUT.
~ SHAME ON You. You’re here for Politics.”😭Congress slave Tushar Gandhi kicked out of the Panchayat Bhavan by locals. Proper BELT TREATMENT 😹🔥 pic.twitter.com/sBPFK5lvRT
— The Analyzer (News Updates🗞️) (@Indian_Analyzer) July 14, 2025
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मुखिया ने गांधी जी के परपोते का किया अपमान
स्थानीय मुखिया ने गांधीजी के परपोते से कहा कि आप चले जाइए, हमें आपके कार्यक्रम में शामिल नहीं होना है, आप गांधीजी का नाम लेकर घूम रहे हैं। इसमें कोई गांधीवाद नहीं है। आप गांधीजी के वंशज नहीं हो सकते। आपको शर्म आनी चाहिए। आप गांधीजी के वंशज हैं।मुखिया के इस बयान पर तुषार गांधी भी भड़क गए। उन्होंने कहा कि आपको शांति से बात करनी चाहिए। आपको विनम्रता से बात करनी चाहिए। इसके बाद स्थानीय मुखिया और तुषार गांधी के बीच तीखी बहस हो गई। मामला बिगड़ता देख लोगों को बीच-बचाव करना पड़ा।
तुषार गांधी ने क्या कहा?
तब मुखिया बिनय सिंह ने उन्हें वहाँ से जाने को कहा और वे भड़क गए। इसके बाद कार्यक्रम में मौजूद स्थानीय लोगों और गांधीवादियों ने भी मुखिया का कड़ा विरोध किया। माहौल तनावपूर्ण होता देख तुषार गांधी कार्यक्रम से बाहर आ गए। इसके बाद तुषार गांधी बाहर आए और लोगों से बात की और मुखिया पर जमकर बरसे।
उन्होंने कहा कि वह डरने वाले नहीं हैं। विरोध की आवाज को दबाया नहीं जा सकता। वह पूरे देश में ऐसा करते रहेंगे। तुषार गांधी ने मुखिया को गोडसे का वंशज बताया और कहा कि उन्हें यहां बुलाकर उनका अपमान किया गया है। तुषार गांधी ने कहा कि यहां सिर्फ मेरा ही नहीं बल्कि गांधीवाद और लोकतंत्र का अपमान हुआ है। चंपारण की धरती पर इस तरह का व्यवहार दुखद है। यहां लोकतंत्र की हत्या हुई है।