Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान अभी इलेक्शन कमिशन ने नहीं किया है, लेकिन सभी राजनीतिक पार्टियों के नेता प्रचार में पूरी तरह जुट गए हैं। बता दें, बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। इस बार चर्चा का कारण हैं तेज प्रताप यादव, जो अब अपने पिता लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद (RJD) से पूरी तरह अलग दिख रहे हैं। बता दें, पार्टी और परिवार से निष्कासित किए जाने के बाद तेज प्रताप अब अपनी राजनीतिक पारी एक नए अंदाज़ में शुरू कर चुके हैं।
झंडे से लालू यादव गायब!
तेज प्रताप यादव ने अब अपनी गाड़ी से राजद का पारंपरिक हरा झंडा हटा दिया है। उसकी जगह एक नया झंडा लगाया गया है, जिसका रंग पीला है और नीचे एक हरे रंग की पट्टी दी गई है। सबसे खास बात है कि इस झंडे पर न तो राजद का नाम है और न ही लालू प्रसाद यादव की तस्वीर। यानी साफ है कि तेज प्रताप अब लालू यादव की राजनीतिक छांव से बाहर निकलने का मन बना चुके हैं।
तेजप्रताप यादव की गाड़ी पर अब आरजेडी का झंडा नहीं, तेजप्रताप महुआ पहुंचे, महुआ से चुनाव लड़ने की पूर्व में तेजप्रताप ने किया है ऐलान, परिवार और पार्टी से अलग थलग पड़े तेजप्रताप ने बनाई अपनी नई टीम।टीम तेजप्रताप यादव pic.twitter.com/C9Ddz8bMOC
— Dharmendra Singh (@dharmendra135) July 10, 2025
शुरू की ‘जन संवाद यात्रा’
तेज प्रताप यादव ने गुरुवार से ‘जन संवाद यात्रा’ की शुरुआत की है। ये यात्रा उन्होंने पटना से अपने पुराने विधानसभा क्षेत्र महुआ के लिए रवाना होकर शुरू की है। इस दौरान उन्होंने न तो पार्टी का झंडा इस्तेमाल किया और न ही किसी आरजेडी नेता का नाम लिया। इससे साफ हो गया कि अब वे अपनी राजनीतिक पहचान खुद गढ़ना चाहते हैं। सूत्रों की मानें तो तेज प्रताप ने अपने समर्थकों और युवाओं को साथ जोड़कर एक नई टीम खड़ी की है, नाम रखा है ‘टीम तेज प्रताप’। खबर है कि वे बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महुआ से निर्दलीय या फिर नए संगठन के बैनर तले चुनाव लड़ सकते हैं।
बाप-बेटे की दूरी अब सियासत में भी दिखी
राजद सुप्रीमो लालू यादव ने तेज प्रताप को 25 मई 2025 को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते पार्टी और परिवार दोनों से 6 साल के लिए बाहर कर दिया था। इसके बाद तेज प्रताप कुछ दिनों तक शांत रहे, लेकिन अब उन्होंने सड़क पर उतरकर खुद को सक्रिय करना शुरू कर दिया है। तेज प्रताप का झंडा बदलना और जन संवाद यात्रा शुरू करना इस ओर साफ इशारा करता है कि वे अपनी राजनीतिक राह खुद तय करने निकल चुके हैं। अब देखना होगा कि ‘तेज’ की ये नई राजनीति कितनी दूर तक जाती है और लालू परिवार की सियासी कहानी में अगला मोड़ क्या होगा।