Tej Pratap Yadav: बिहार की राजनीति में तेजस्वी यादव के बड़े भाई और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप यादव ने अब अपनी नई राजनीतिक पारी की शुरुआत कर दी है। उन्होंने महुआ विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है, और साथ ही पांच छोटे राजनीतिक दलों के साथ गठबंधन कर बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है।
किन पार्टियों से किया तेज प्रताप ने गठबंधन?
तेज प्रताप यादव ने जिन पांच दलों के साथ हाथ मिलाया है, वे सभी अभी तक बिहार की मुख्यधारा की राजनीति में बड़ी पहचान नहीं बना सके हैं। इन दलों में शामिल हैं:
- विकास वंचित इंसान पार्टी (VVIP) – इसके अध्यक्ष प्रदीप निषाद हैं, जो यूपी से हैं। यह पार्टी पहली बार बिहार विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमा रही है।
- भोजपुरिया जन मोर्चा (BJM) – इस पार्टी के अध्यक्ष भरत सिंह हैं, जो आरा से हैं और भोजपुर क्षेत्र में सक्रिय हैं।
- प्रगतिशील जनता पार्टी (PJP) – इसके अध्यक्ष मनोरंजन श्रीवास्तव हैं, जो पहले बीजेपी में थे और अब अपनी पार्टी के बैनर तले चुनाव लड़ने जा रहे हैं।
- वाजिब अधिकार पार्टी (WAP) – इसके अध्यक्ष विद्यानंद राम हैं, जो समस्तीपुर के निवासी हैं। लोकसभा चुनाव में असफल रहने के बाद अब विधानसभा चुनाव में उतर रहे हैं।
- संयुक्त किसान विकास पार्टी – यह पार्टी किसानों के मुद्दों पर केंद्रित है, और अब तेज प्रताप के साथ मैदान में उतरने को तैयार है।
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क्या तेज प्रताप को होगा फायदा?
इन पांचों दलों की अब तक की राजनीतिक जमीन कमजोर रही है, लेकिन तेज प्रताप यादव की लोकप्रियता और यादव वोट बैंक के सहारे ये गठबंधन एक नया समीकरण गढ़ सकता है। हालांकि, इन पार्टियों का कोई भी नेता वर्तमान में विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य नहीं है, इसलिए यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या ये गठबंधन तेज प्रताप यादव की पहचान को मजबूत करेगा या फिर इन पार्टियों को ही फायदा मिलेगा।
RJD को कितना होगा नुकसान?
तेज प्रताप यादव का महुआ सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ना सीधे तौर पर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को नुकसान पहुंचा सकता है। ये कदम पार्टी में फूट का संकेत भी देता है, जिससे यादव वोटों का बंटवारा हो सकता है। आने वाले चुनाव में ये गठबंधन बिहार की राजनीति में कितना असर डालेगा, यह तो वक्त ही बताएगा।