Vijay rally stampede: 4 जून को बेंगलुरु में आरसीबी टीम के जीत का जश्न मनाने इतने लोग पहुंच गए कि भगदड़ मच गई जिसमे 11 लोगो की मौत हो गई. अब साऊथ में फिर से भगदड़ ने सबके दिलों को दहला दिया है. शनिवार शाम अभिनेता विजय की रैली में भगदड़ मच गई. मुख्यमंत्री स्टालिन (Chief Minister Stalin) के अनुसार इस घटना में अब तक 39 लोगों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा 51 लोगों का आईसीयू में इलाज चल रहा है. माना जा रहा है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है. इस बीच, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने दुर्घटना के तुरंत बाद रात में एक उच्च स्तरीय बैठक की. उन्होंने मुआवजे की भी घोषणा की.
स्टालिन ने किया अस्पताल का दौरा
घटना के बाद मुख्यमंत्री स्टालिन ने अस्पताल का दौरा किया, मृतकों को श्रद्धांजलि दी और घायलों से मुलाकात की. उन्होंने कहा इस पूरे हादसे में अब तक 39 लोगों की मौत हो चुकी है. हमारे राज्य के इतिहास में किसी राजनीतिक दल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में इतनी बड़ी संख्या में लोगों की जान कभी नहीं गई. ऐसी त्रासदी फिर कभी नहीं होनी चाहिए.
10 लाख मुआवज़े का एलान
मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि 51 लोग वर्तमान में आईसीयू में भर्ती हैं जहां उनका इलाज चल रहा है. उन्होंने कहा मैं उन लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने अपनी जान गंवाई. मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि मृतकों के परिवारों को ₹10 लाख और घायलों को ₹1 लाख का मुआवज़ा दिया जाएगा. उन्होंने उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक जांच समिति भी गठित की जो पूरी घटना की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी.
यह पूरा हादसा कैसे हुआ?
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार विजय की रैली शुरू होने से पहले ही भारी भीड़ जमा हो गई थी. इसके बावजूद विजय खुद कई घंटों की देरी के बाद रैली को संबोधित करने पहुंचे. इस दौरान लोग मंच की ओर बढ़ने लगे. इसके अलावा लोगों को सांस लेने में भी तकलीफ होने लगी.
धक्का-मुक्की के कारण कई लोग बेहोश हो गए. इससे भगदड़ मच गई. प्रशासन ने विजय की रैली में 30,000 लोगों के आने की उम्मीद की थी, लेकिन भीड़ उम्मीद से कहीं ज़्यादा थी, जिससे स्थिति बेकाबू हो गई.
लोग घंटों बिना खाने-पीने के खड़े रहे – डीजीपी
तमिलनाडु के कार्यवाहक डीजीपी जी. वेंकटरमन ने कहा रैली के लिए दोपहर 3 बजे से रात 10 बजे तक की अनुमति दी गई थी लेकिन भीड़ सुबह 11 बजे से ही इकट्ठा होने लगी थी. शाम 7:40 बजे जब विजय पहुंचे तब तक भीड़ बिना खाने-पीने के घंटों इंतज़ार कर रही थी.
उन्होंने कहा कि विजय ने खुद पुलिस के काम की तारीफ़ की लेकिन उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को भीड़ प्रबंधन की ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए. डीजीपी ने बताया कि रैली में 10,000 लोगों के आने की उम्मीद थी लेकिन लगभग 27,000 लोग इकट्ठा हुए. पूरे आयोजन के लिए 500 से ज़्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे.

