DSP Narayan Barmani : आपको याद होगा इस साल 28 अप्रैल को सोशल मीडिया पर सीएम सिद्धारमैया का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें सीएम सिद्धारमैया उस समय अपना आपा खो बैठे जब दर्शकों में से कुछ महिलाओं ने सीएम को काले झंडे दिखाए और मंच पर बैठे कांग्रेस नेताओं के खिलाफ नारे लगाए। इसके बाद गुस्साए सीएम ने पूछा कि वहां एसपी कौन है, और बाद में ऐसा इशारा किया जैसे वह उसे थप्पड़ मारने वाले हैं।
असल में कांग्रेस पार्टी ने सीएम के नेतृत्व में बेलगावी जिले में महंगाई के मुद्दे पर केंद्र के खिलाफ एक सम्मेलन कार्यक्रम आयोजित किया था, जब दर्शकों में से कुछ महिलाओं ने विरोध किया। ये पूरी घटना उसी दौरान हुई।
पुलिस अधिकारी ने दिया इस्तीफा, पत्र सोशल मीडिया पर वायरल
डीएसपी नारायण बरमानी ने अब मुख्य सचिव को एक पत्र लिखा है कि और कहा है क वह राज्य के सीएम द्वारा किए गए अपमान के कारण अपनी नौकरी से इस्तीफा दे रहे हैं – वीआरएस ले रहे हैं। पुलिस अधिकारी का इस्तीफा पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। पत्र में, अधिकारी ने पद छोड़ने के अपने फैसले के लिए मुख्यमंत्री के सार्वजनिक व्यवहार को जिम्मेदार ठहराया है।
उन्होंने पत्र में कहा – “मुख्यमंत्री ने मुझ पर असम्मानपूर्वक ऊंची आवाज में चिल्लाया: “या यवनो इल्ली, एसपी बरया इल्ली” (अरे, यहां एसपी कौन है… यहां आओ) गलती से उन्हें बुलावा समझकर अधिकारी सम्मानपूर्वक आगे बढ़े, लेकिन उन्हें सार्वजनिक रूप से मंच पर अपमानित होना पड़ा। यह घटना कैमरे में कैद हो गई और टीवी तथा डिजिटल प्लेटफॉर्म पर व्यापक रूप से प्रसारित हुई।
It is deeply saddening that Dharwad’s Additional Superintendent of Police, Narayana Baramani, who was publicly humiliated by Karnataka’s arrogant Chief Minister Siddaramaiah, has now decided to take voluntary retirement.
His emotional letter reads (excerpts):
Quote
At that… pic.twitter.com/ymrthmWUzj
— Amit Malviya (@amitmalviya) July 3, 2025
शारीरिक थप्पड़ से बच गए, सार्वजनिक शर्म से नहीं बच पाए – पुलिस अधिकारी
अधिकारी ने पत्र में कहा कि हालांकि वह शारीरिक थप्पड़ से बच गए, लेकिन वह सार्वजनिक शर्म से बच नहीं पाए। वह दूसरों की शिकायतों को दूर करने के लिए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के रूप में कार्य करते हैं, जबकि उनकी शिकायत का समाधान करने के लिए कोई भी नहीं है कि सिद्धारमैया द्वारा उन्हें सार्वजनिक रूप से अपमानित किया गया। इसे अपनी गरिमा पर एक अपरिवर्तनीय आघात बताते हुए, अधिकारी ने अपने इस्तीफे को स्वीकार करने की मांग की थी।