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Ram Sutar passes away: कौन थे राम सुतार? 100 वर्ष की आयु में निधन, दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति को किया था डिजाइन

'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' के शिल्पकार राम सुतार का 100 साल की उम्र में निधन. आखिर कैसे एक साधारण गाँव के लड़के ने बनाई दुनिया की सबसे ऊँची मूर्ति? उनके जीवन का पूरा सफर यहाँ पढ़ें.

By: Shivani Singh | Last Updated: December 18, 2025 11:30:54 AM IST



Ram Sutar passes away: दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति, गुजरात में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ को डिज़ाइन करने वाले जाने-माने मूर्तिकार राम सुतार का आज निधन हो गया। राम सुतार ने बुधवार देर रात नोएडा में अपने घर पर आखिरी सांस ली। उनके बेटे ने गुरुवार सुबह यह जानकारी दी. राम सुतार 100 साल के थे। वह कुछ समय से उम्र से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित थे.

उनके बेटे, अनिल सुतार ने गुरुवार को प्रेस के साथ शेयर किए गए एक नोट में कहा, “हमें बहुत दुख के साथ आपको सूचित करना पड़ रहा है कि मेरे पिता, श्री राम वंजी सुतार का 17 दिसंबर की रात हमारे घर पर निधन हो गया.” उनका जन्म 19 फरवरी, 1925 को हुआ था. मौजूदा महाराष्ट्र के धुले जिले के गोंडुर गांव में एक साधारण परिवार में जन्मे सुतार को कम उम्र से ही मूर्तिकला में रुचि थी.

राम सुतार कौन थे?

महाराष्ट्र के मौजूदा धुले ज़िले के गोंदूर गांव में 19 फरवरी, 1925 को जन्मे राम सुतार एक साधारण परिवार से थे और बचपन से ही उन्हें मूर्तिकला में रुचि थी. उन्होंने मुंबई के जे.जे. स्कूल ऑफ़ आर्ट एंड आर्किटेक्चर से पढ़ाई की और गोल्ड मेडल जीता. इसके बाद, उन्होंने एक लंबी और शानदार रचनात्मक यात्रा शुरू की जिसने भारतीय मूर्तिकला को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया.

राम सुतार की मशहूर मूर्तियां

उनके प्रमुख कामों में संसद परिसर में स्थापित महात्मा गांधी की ध्यान मुद्रा वाली मूर्ति और छत्रपति शिवाजी महाराज की शानदार घुड़सवार मूर्ति शामिल हैं. गुजरात में देश के पहले उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल को समर्पित ‘स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी’ ने उन्हें दुनिया भर में पहचान दिलाई.

राम सुतार को उनके योगदान के लिए पद्म श्री (1999) और पद्म भूषण (2016) से सम्मानित किया गया था. उन्हें हाल ही में महाराष्ट्र सरकार के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था. राम सुतार का निधन भारतीय कला और संस्कृति जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है. उनके काम और विरासत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे.

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