Mohan Bhagwat Speech: जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम परिसर में आयोजित दीनदयाल स्मृति व्याख्यान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के डॉ. मोहन भागवत ने वैश्विक असंतुलित विकास, सामाजिक विषमता और एकात्म मानव दर्शन पर केंद्रित महत्वपूर्ण विचार रखे. उन्होंने कहा कि आज दुनिया में 96% लोग वास्तविक विकास के लाभों से वंचित हैं.
‘अमीर और अमीर होते जा रहे हैं’
संघ प्रमुख ने आगे कहा कि, विकास के नाम पर संसाधन उन्हीं लोगों से लिए जा रहे हैं, जो पहले ही इस प्रक्रिया से बाहर हैं. उनके अनुसार विकास बढ़ रहा है, लेकिन इसका लाभ सीमित लोगों तक ही पहुंच रहा है, जिससे अमीर और अमीर होते जा रहे हैं, जबकि गरीब और गरीब. यह स्थिति केवल भारत की नहीं बल्कि पूरे विश्व की है.
‘ऐसी प्रगति किस काम की है’
भागवत ने मानव जीवन में बढ़ती नाजुकता पर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि पहले इंसान प्रकृति के उतार-चढ़ाव को सहजता से झेल लेता था, लेकिन आज उसका स्वास्थ्य और प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो रही है. उन्होंने प्रश्न उठाया कि यदि विकास हर व्यक्ति तक नहीं पहुंच रहा, तो ऐसी प्रगति किस काम की है?
अपने संबोधन में उन्होंने एकात्म मानव दर्शन की प्रासंगिकता को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि यह विचार आज भले ही नए नाम से जाना जा रहा हो, लेकिन इसकी जड़ें पुरानी हैं. व्यक्ति का विकास परिवार, समाज और राष्ट्र से जुड़ा है—एक की उन्नति दूसरे की मजबूती का कारण बनती है. उन्होंने कहा कि कितना कमाते हैं यह महत्वपूर्ण है, लेकिन केवल अपने लिए जीना ही जीवन नहीं है; समाज के लिए जीना ही मानव जीवन का सार है.
उन्होंने चेताया कि असंतुलित विकास और बढ़ती राष्ट्रवादी प्रतिस्पर्धा महायुद्ध जैसी परिस्थितियां पैदा कर सकती हैं. दुनिया के चिंतक भी इस खतरे को स्वीकार कर रहे हैं.
मोहन भागवत ने गोविंददेवजी मंदिर में किए दर्शन
कार्यक्रम से पूर्व मोहन भागवत उत्पन्ना एकादशी के अवसर पर जयपुर के प्रसिद्ध गोविंददेवजी मंदिर में दर्शन करने पहुंचे. महंत अंजन कुमार गोस्वामी ने उनका चौखट पूजन कराया और उन्हें शॉल, दुपट्टा, प्रसाद, ठाकुर श्रीजी की छवि और गोविंद धाम मंदिर का लघु स्वरूप भेंट किया.
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