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Project Vishnu : DRDO ने कर दिया बड़ा कारनामा, बना डाली ब्रह्मोस से भी ज्यादा घातक मिसाइल…US से लेकर चीन तक किसी के पास नहीं है इसका तोड़

DRDO ET-LDHCM Missile : यह मिसाइल स्क्रैमजेट इंजन से लैस है, जो बिना पारंपरिक घूर्णन कंप्रेसर के वायुमंडलीय ऑक्सीजन का उपयोग करके काम करता है। यह तकनीक इसे मैक-8 की गति प्रदान करती है, जो ब्रह्मोस की मैक-3 गति (3,675 किमी/घंटा) से तीन गुना अधिक है।

By: Shubahm Srivastava | Published: July 15, 2025 4:14:16 PM IST



DRDO ET-LDHCM Missile : भारत लगातार अपनी सैन्य ताकत को एडवांस करने में लगा हुआ है। अब इसी कड़ी में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) को बड़ी सफलता हाथ लगी है। असल में DRDO ने एक ऐसी हाइपरसोनिक मिसाइल तैयार की है, जिसकी रफ्तार और मारक क्षमता अब तक के सभी भारतीय मिसाइल सिस्टम ब्रह्मोस, अग्नि और आकाश से कहीं ज्यादा है। 

रिपोर्टों के अनुसार, इसे ‘एक्सटेंडेड ट्रैजेक्टरी लॉन्ग ड्यूरेशन हाइपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल (ET-LDHCM)’ नाम दिया गया है। यह मैक 8 यानी ध्वनि की गति से आठ गुना तेज़ गति से उड़ सकती है और 1,500 किलोमीटर दूर तक के लक्ष्यों को भेद सकती है।

बता दें कि ET-LDHCM को DRDO ने ‘प्रोजेक्ट विष्णु’ के तहत विकसित किया है। इसे भारत की अब तक की सबसे उन्नत सामरिक मिसाइल माना जाता है, जो ब्रह्मोस, अग्नि-5 और आकाश से कहीं ज़्यादा शक्तिशाली है।

‘ET-LDHCM’ की ताकत

अब तक की जानकारी के अनुसार, ईटी-एलडीएचसीएम मिसाइल भारत की रक्षा तकनीक में एक क्रांतिकारी कदम है। यह मिसाइल स्क्रैमजेट इंजन से लैस है, जो बिना पारंपरिक घूर्णन कंप्रेसर के वायुमंडलीय ऑक्सीजन का उपयोग करके काम करता है। यह तकनीक इसे मैक-8 की गति प्रदान करती है, जो ब्रह्मोस की मैक-3 गति (3,675 किमी/घंटा) से तीन गुना अधिक है।

दूसरी ओर, ब्रह्मोस की शुरुआती रेंज की बात करें तो यह 290 किमी थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 450 किमी कर दिया गया, लेकिन ईटी-एलडीएचसीएम की रेंज सीधे 1,500 किमी है। यह इसे भारत की अब तक की सबसे लंबी रेंज और सबसे तेज़ मिसाइल बनाता है।

यह मिसाइल 1,000 से 2,000 किलोग्राम वजन वाले पारंपरिक या परमाणु हथियार ले जा सकती है। इसकी खासियत यह है कि यह कम ऊंचाई पर उड़ती है, जिससे इसे रडार से पकड़ना मुश्किल होता है। यह मिसाइल उड़ान के दौरान अपनी दिशा बदल सकती है, जिससे यह युद्ध के मैदान में बेहद लचीली और प्रभावी है। यह 2,000 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान को सहन करने में सक्षम है।

रूस, अमेरिका और चीन वाली लिस्ट में शामिल हुआ भारत

ET-LDHCM   के सफल परीक्षण से भारत रूस, अमेरिका और चीन जैसे उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में आ गया है जिनके पास स्वदेशी हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक है। यह मिसाइल न केवल पाकिस्तान के खिलाफ भारत की सामरिक प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करती है, बल्कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती ताकत का भी जवाब देती है। इसके अलावा, भारत ने ब्रह्मोस, अग्नि-5 और आकाश जैसी अपनी मिसाइल प्रणालियों को उन्नत करने के साथ-साथ नए हथियार विकसित करने पर भी ज़ोर दिया है।

DRDO का प्रोजेक्ट विष्णु

डीआरडीओ का प्रोजेक्ट विष्णु भारत की सबसे महत्वाकांक्षी हाइपरसोनिक मिसाइल परियोजना है। इसके तहत 12 अलग-अलग हाइपरसोनिक मिसाइल प्रणालियाँ विकसित की जा रही हैं, जिनमें हमलावर मिसाइलों के साथ-साथ रास्ते में दुश्मन की क्रूज़ या बैलिस्टिक मिसाइलों को नष्ट करने वाली इंटरसेप्टर मिसाइलें भी शामिल हैं। ET-LDHCM इस परियोजना का मुख्य हिस्सा है, जिसे पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से बनाया गया है।

ET-LDHCM का सफल परीक्षण भारत की रक्षा तकनीक में एक नया अध्याय जोड़ता है। यह मिसाइल प्रोजेक्ट विष्णु का एक हिस्सा है और ब्रह्मोस, अग्नि-5 और आकाश जैसी प्रणालियाँ अन्यत्र विकसित की गई हैं।

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