Haryana New Governor: हरियाणा से एक बड़ी खबर सामने आई है। प्रोफेसर आशिम कुमार घोष को हरियाणा का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है। इस संबंध में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के कार्यालय ने एक बयान जारी किया है। राष्ट्रपति ने भाजपा नेता कविंद्र गुप्ता को लद्दाख का उपराज्यपाल नियुक्त किया है। वहीं, अशोक गजपति राजू को गोवा का राज्यपाल बनाया गया है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के उपराज्यपाल पद से ब्रिगेडियर (डॉ.) बीडी मिश्रा (सेवानिवृत्त) का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। बता दें कि घोष, बंडारू दत्तात्रेय का स्थान लेंगे जो 7 जुलाई 2021 को हरियाणा के राज्यपाल बने थे।
नवीन जिंदल ने दी बधाई
कुरुक्षेत्र से भाजपा सांसद नवीन जिंदल ने घोष को राज्यपाल बनने पर बधाई दी। उन्होंने कहा, “प्रो. आशिम कुमार घोष को हरियाणा का राज्यपाल नियुक्त होने पर हार्दिक बधाई। अपनी विशिष्ट शैक्षणिक पृष्ठभूमि और प्रशासनिक अनुभव के साथ, मुझे विश्वास है कि वे हमारे राज्य के लोगों की निष्ठापूर्वक सेवा करेंगे। पदभार ग्रहण करने पर उन्हें हार्दिक शुभकामनाएँ।”
Warm congratulations to Prof. Ashim Kumar Ghosh on his appointment as Governor of Haryana.
With his distinguished academic background and administrative experience, I’m confident he will serve the people of our state with dedication.
Best wishes as he takes charge!
— Naveen Jindal (@MPNaveenJindal) July 14, 2025
आशिम कुमार घोष कौन हैं?
आशिम कुमार घोष 2013 के हावड़ा लोकसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार थे। बंगाल भाजपा के फेसबुक पेज पर दी गई जानकारी के अनुसार, उनका जन्म 1944 में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हावड़ा विवेकानंद संस्थान से प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने कोलकाता के विद्यासागर कॉलेज से राजनीति विज्ञान में स्नातक और फिर कोलकाता विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की।
वे 1966 से 2004 तक लगभग 38 वर्षों तक राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर रहे। वे 3 वर्षों तक यूजीसी टीचर्स फेलो भी रहे। वे 1991 में भाजपा में शामिल हुए। वे राज्य बौद्धिक प्रकोष्ठ के सदस्य थे। 1996 में, वे भाजपा के राज्य सचिव बने और 1998 में वे भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष बने। 1999 से 2002 तक वे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे। 2003 से 2005 तक उन्होंने त्रिपुरा में पार्टी पर्यवेक्षक की भूमिका निभाई। 2004 से 2006 तक वे भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी रहे।