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भारत को अब टक्कर देना मुश्किल! PM Modi ने कर ली प्लानिंग, आसियान समिट में दुनिया को दिया बड़ा संदेश

22nd ASEAN-India Summit: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को मलेशिया में आयोजित आसियान-भारत शिखर सम्मेलन को वर्चुअली संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि 21वीं सदी भारत और आसियान की सदी है.

By: Heena Khan | Published: October 27, 2025 6:53:41 AM IST



PM Modi: भारत से अन्य देशों का कनेक्शन अब पहले के मुकाबले काफी अलग है. अब हर देश भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ मुलाकात कर विकास को लेकर बात करता है. इसी बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को मलेशिया में आयोजित आसियान-भारत शिखर सम्मेलन को वर्चुअली संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि 21वीं सदी भारत और आसियान की सदी है. इतना ही नहीं इस अवसर पर, उन्होंने 47वें आसियान शिखर सम्मेलन की सफलतापूर्वक मेजबानी के लिए मलेशिया और उसके प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम को बधाई दी और भारत के लिए समन्वयक देश के रूप में फिलीपींस की भूमिका की सराहना की. 

PM मोदी ने कही ये बात

इस बीच कुआलालंपुर में 22वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन को वर्चुअली संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने जोर दिया और कहा कि 21वीं सदी हमारी सदी है, भारत और आसियान की सदी है. उन्होंने पूर्वी तिमोर के आसियान समुदाय का 11वां सदस्य देश बनने का गर्मजोशी से स्वागत भी किया. इतना ही नहीं इस दौरान उन्होंने थाईलैंड की महारानी सिरीकित के निधन पर भी निराशा भरे चेहरे से शोक व्यक्त किया. वहीं उन्होंने कहा कि भारत और आसियान मिलकर वैश्विक आबादी के लगभग एक चौथाई हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं. हम न केवल भौगोलिक रूप से जुड़े हुए हैं, बल्कि मजबूत ऐतिहासिक बंधनों और साझा मूल्यों से भी जुड़े हुए हैं.

साथ बनाए रखने की करी अपील 

आसियान-भारत शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत और आसियान वैश्विक दक्षिण के सहयात्री हैं और स्थिरता, विकास और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त प्रयास कर रहे हैं. इतना ही नहीं इस दौरान उन्होंने कहा कि अनिश्चितता के इस दौर में भी, भारत-आसियान व्यापक रणनीतिक साझेदारी निरंतर प्रगति कर रही है. यह मज़बूत साझेदारी वैश्विक स्थिरता और विकास का एक प्रमुख स्तंभ बन रही है. अपने छह मिनट के संबोधन में, प्रधानमंत्री मोदी ने आसियान की केंद्रीयता और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए आसियान विज़न के प्रति भारत के अटूट समर्थन की पुष्टि की. इतना ही नहीं इस दौरान उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि एशियाई महाद्वीप में शांति और समृद्धि के लिए दोनों के बीच सहयोग बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि आसियान न केवल हमारी विदेश नीति का अभिन्न अंग है, बल्कि ‘एक्ट ईस्ट’ विज़न का आधार भी है. 

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