Global Internet Disruption: सूचना मिली है कि लाल सागर (Red Sea) के नीचे मौजूद ऑप्टिक केबल्स टूट जाने के कारण अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इंटरनेट की स्पीड कम हो गई है। इसका गहरा असर माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) के अज़्यूर (Azure) पर भी पड़ा है। ये केबल्स एशिया और यूरोप के इंटरनेट कनेक्शन के लिए बेहद जरूरी हैं। SEACOM/TGN-EA, AAE-1 और EIG जैसे अहम सिस्टम भी क्षतिग्रस्त हुए हैं।
बिल गेट्स की कंपनी पर असर
केबलों के टूटने से माइक्रोसॉफ्ट का क्लाउड कंप्यूटिंग प्लेटफार्म ‘अज़्यूर’ (Azure) प्रभावी हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी का कहना है कि अज़्यूर यूजर्स को डाटा ट्रैफिक में मुश्किल पेश आ सकती है, खासतौर पर यूरोप और एशिया के बीच। हाल में, डाटा दूसरे तरीकों से ट्रांसफर किया जा रहा है क्योंकि इन केबलों को ठीक करने में वक्त लग सकता है। कंपनी लगातार कोशिश कर रही है अपने यूजर्स पर हुए असर को कम करने के लिए।
कौन है ज़िम्मेदार?
अभी साफतौर पर केबलों के टूटने का पता नहीं लग पाया है। लाल सागर से गुजरने वाले कमर्शियल जहाजों को अक्सर ज़िम्मेदार बताया गया, मगर पहले हो चुकी घटनाओं के आधार पर इसे जानबूझकर निशाना बनाने का अंदेशा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण डिजिटल बुनियादी ढाँचे को जानबूझकर निशाना बनाने की कोशिश हो सकती है, जिससे अंतर्राष्ट्रीय संपर्क पर असर पड़े। माना जा रहा है कि इंटरनेट केबलों को यमन के हूतीयों द्वारा नुकसान पहुँचाए जाने का अंदेशा है। यह कदम गाजा युद्ध खत्म करने को लेकर इज़राइल पर दबाव बरकरार रखने के लिए उठाया जा सकता है।
नेटब्लॉक्स जो कि इंटरनेट एक्सेस पर नज़र रखने वाली कंपनी है, ने बताया कि भारत और पाकिस्तान समेत कई देशों में लाल सागर में केबलों के क्षतिग्रस्त होने के कारण इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रभावित हुई है। इसने सऊदी अरब के शहर जेद्दा के पास SMW4 और IMEWE केबल सिस्टम में गड़बड़ी को इसके लिए ज़िम्मेदार ठहराया है।
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ये हैं संचालक
साउथ ईस्ट एशिया-मिडिल ईस्ट-वेस्टर्न यूरोप 4 (SMW4) केबल का संचालन टाटा कम्युनिकेशंस द्वारा किया जाता है, जो एक भारतीय समूह का हिस्सा है। वहीं, इंडिया-मिडिल ईस्ट-वेस्टर्न यूरोप (IMEWE) केबल का संचालन अल्काटेल-ल्यूसेंट की देखरेख में एक अन्य संघ द्वारा किया जाता है। बता दें, इस संबंध में अभी तक किसी भी कंपनी की तरफ से कोई ऑफिशियल अनाउंसमेंट नहीं आया है।
हूथियों पर अंदेशा
यमन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त निर्वासित सरकार ने 2024 की शुरुआत में, आरोप लगाया था कि हूथियों ने समुद्र के नीचे केबलों पर हमला करने की योजना बनाई थी। लेकिन हूथियों ने ज़िम्मेदारी से इनकार किया। हूथियों के अल-मसीरा सैटेलाइट समाचार चैनल ने रविवार सुबह, नेटब्लॉक्स का हवाला देते हुए केबल काटने की बात स्वीकार की।
हूथियों ने नवंबर 2023 से दिसंबर 2024 तक, गाजा पट्टी में इज़राइल-हमास युद्ध के संदर्भ में मिसाइलों और ड्रोन से 100 से ज़्यादा जहाजों को निशाना बनाया। इस दौरान, उन्होंने चार जहाज डुबो दिए और कम से कम आठ सैनिकों को मार डाला। युद्ध में एक संक्षिप्त युद्धविराम के दौरान ईरान समर्थित हूथियों ने अपने हमले रोक दिए। वर्तमान में, इजरायल-हमास युद्ध में नए युद्ध विराम पर अनिश्चितता के बीच हूथियों द्वारा नए हमले हो रहे हैं।
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