Om Birla on Yashwant Varma Case: दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा के कैश कांड में लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने महाभियोग का प्रस्ताव मंजूर कर लिया है। दरअसल, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार (12 अगस्त, 2025) को दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। यह प्रस्ताव 146 सांसदों के हस्ताक्षरों के साथ पेश किया गया। स्पीकर ओम बिरला ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ शिकायत को गंभीर प्रकृति का मानते हुए मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति के गठन की घोषणा की।
स्पीकर ओम बिरला ने क्या कहा?
स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश की राय में इस मामले की गहन जांच आवश्यक है। साथ ही, शिकायत की प्रकृति को देखते हुए नियमानुसार पद से हटाने की प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘इस प्रस्ताव को उचित पाते हुए, मैंने इसे स्वीकृत कर दिया है और पद से हटाने के अनुरोध पर एक जांच समिति गठित कर दी है।’
जाँच समिति में कौन-कौन हैं?
इस समिति में तीन वरिष्ठ सदस्य सदस्यों को शामिल किया गया है। इनमें सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरविंद कुमार, मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति मनिंदर मोहन श्रीवास्तव और कर्नाटक उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एवं वरिष्ठ विधि विशेषज्ञ बी.वी. आचार्य का नाम शामिल है।
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क्या है पूरा मामला?
आपको जानकारी के लिए बता दें कि, दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के सरकारी बंगले में इस साल होली के दिन आग लग गई। खबर मिलते ही आग बुझाने पहुंचे दमकलकर्मियों और पुलिस को वहां भारी मात्रा में अधजली नकदी मिली। इसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से की, जिन्होंने सर्वोच्च न्यायालय को इसकी जानकारी दी। इसके बाद सर्वोच्च न्यायालय ने न्यायमूर्ति वर्मा का इलाहाबाद उच्च न्यायालय तबादला कर दिया और उनके खिलाफ आंतरिक जांच शुरू कर दी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय की इस जांच समिति ने न्यायमूर्ति वर्मा पर लगे आरोपों को सही पाया है। इस बीच, उन्हें न्यायाधीश पद से हटाने के लिए संसद में महाभियोग की तैयारी भी शुरू हो गई है। हालांकि, न्यायमूर्ति वर्मा ने खुद को निर्दोष बताते हुए इन सभी आरोपों को एक साजिश करार दिया है।

