Namo Bharat Train: देश की राजधानी दिल्ली के साथ-साथ एनसीआर के कई शहरों के लोगों का सफर आसान करने वाली नमो भारत को लेकर एक बड़ी और अहम जानकारी सामने आई है. आगामी कुछ दिनों के दौरान ही दिल्ली-एनसीआर के लाखों यात्रियों के लिए अब दिल्ली से मेरठ का सफर बेहद आसान और आरामदायक होने वाला है. दरअसल, रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) का सरायकाले खां स्टेशन तैयारी हैं और जल्द ही दिल्ली से मेरठ और मेरठ से दिल्ली का सफर आसान होगा. यात्री सिर्फ 1 घंटे में दिल्ली से मेरठ का सफर तय कर सकेंगे.
वहीं, इस बीच नमो भारत ट्रेन एक महत्वाकांक्षी विस्तार योजना के साथ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में सार्वजनिक परिवहन में क्रांति लाने के लिए तैयार है. RRTS के प्रस्तावित 65 किलोमीटर का कॉरिडोर फरीदाबाद होते हुए गुरुग्राम और ग्रेटर नोएडा को जोड़ेगा, जिससे यात्रियों को निर्बाध और कुशल यात्रा विकल्प मिलेंगे. यह नया रूट ना केवल यात्रा के समय को काफी कम करेगा बल्कि यातायात की भीड़भाड़ को कम करेगा और टिकाऊ परिवहन को भी बढ़ावा देगा.
रूट और स्टेशन
नमो भारत ट्रेन गुरुग्राम के इफको चौक से शुरू होकर फरीदाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा से होकर गुज़रेगी. इस मार्ग में छह प्रमुख स्टेशन शामिल होंगे. RRTS के मुताबिक, इफको चौक, गुरुग्राम सेक्टर 54, फरीदाबाद में बाटा चौक, फरीदाबाद में सेक्टर 85-86, नोएडा सेक्टर 142-168 और ग्रेटर नोएडा में सूरजपुर में इसका ठहराव होगा यानी यहां पर स्टेशन बनाए जाएंगे.
विशेषताएं और लाभ
नमो भारत ट्रेन 180 किलोमीटर प्रति घंटे तक की गति से चलेगी, जिससे यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा. यह ट्रेन हर 5-7 मिनट में चलेगी, जिससे यात्रियों को विश्वसनीय और सुविधाजनक यात्रा विकल्प मिलेंगे. स्टेशन अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित होंगे, जिससे यात्रियों के लिए आरामदायक यात्रा सुनिश्चित होगी. नमो भारत ट्रेन का विस्तार टिकाऊ परिवहन को भी बढ़ावा देगा, जिससे प्रदूषण और कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी.
सफर होगा आसान
नमो भारत ट्रेन के विस्तार का दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के यात्रियों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा. तेज़ यात्रा गति से दैनिक यात्रियों का समय बचेगा, जबकि शहरों के बीच निर्बाध संपर्क आर्थिक विकास और सामाजिक संपर्क को बढ़ावा देगा. पर्यावरण के अनुकूल संचालन प्रदूषण को कम करेगा और टिकाऊ परिवहन को बढ़ावा देगा.
परियोजना पर आने वाली लागत
पूरे कॉरिडोर पर लगभग 15,000 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है. विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तीन महीने के भीतर पूरी होने की उम्मीद है। परियोजना के चरणों में पूरा होने की उम्मीद है. पहला चरण जल्द ही चालू होने की संभावना है.
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