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Rajya Sabha MP Sanjay Raut: संजय राउत  का प्रधानमंत्री मोदी पर तंज, कहा, “नरेंद्र मोदी धीरे-धीरे गांधीवाद….”

Rajya Sabha MP Sanjay Raut: नाशिक में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राऊत ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण पर तीखी प्रतिक्रिया दी। राऊत ने कहा कि “यह आधुनिक भारत है और हमें स्वतंत्र हुए 79 साल हो गए हैं।

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ज्ञानेश्वर तुपसुंदर की रिपोर्ट, Rajya Sabha MP Sanjay Raut: नाशिक में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राऊत ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण पर तीखी प्रतिक्रिया दी। राऊत ने कहा कि “यह आधुनिक भारत है और हमें स्वतंत्र हुए 79 साल हो गए हैं। जब देश स्वतंत्र हुआ था, तब स्थिति बेहद कठिन थी — इस देश में एक सुई तक नहीं बनती थी। लेकिन आज भारत कहां से कहां पहुंच चुका है, यह गर्व की बात है।”

स्वदेशी के नारे पर तंज कसते हुए कहा

उन्होंने माना कि देश आधुनिक बना है, लेकिन मोदी के भाषण में दिए गए स्वदेशी के नारे पर तंज कसते हुए कहा कि यह विचार नया नहीं है। राऊत के मुताबिक, “प्रधानमंत्री मोदी ने जो स्वदेशी का नारा दिया है, वह दरअसल पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी, डॉ. मनमोहन सिंह और पी.वी. नरसिंहा राव — इन सभी नेताओं के विजन का ही विस्तार है।”

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नरेंद्र मोदी धीरे-धीरे गांधीवाद और नेहरूवाद की तरफ बढ़ रहे हैं

राऊत ने आगे कहा कि समय आने पर प्रधानमंत्री को गांधी टोपी पहनकर भाषण देना पड़ेगा। “इसके सिवाय आपके पास कोई चारा और पर्याय नहीं है,” उन्होंने कटाक्ष किया। उनका कहना था कि नरेंद्र मोदी धीरे-धीरे गांधीवाद और नेहरूवाद की तरफ बढ़ रहे हैं। संजय राऊत के इस बयान को राजनीतिक हलकों में बीजेपी की विचारधारा पर एक सीधा हमला माना जा रहा है। उन्होंने यह भी इशारा किया कि भाजपा, जो वर्षों से कांग्रेस और गांधी-नेहरू परिवार की नीतियों की आलोचना करती रही है, अब उन्हीं रास्तों पर चलने को मजबूर हो रही है।

बयान राजनीति में गरमाहट लाने वाला साबित हो सकता है

प्रधानमंत्री मोदी ने आज लाल किले से अपने भाषण में “वोकल फॉर लोकल” और आत्मनिर्भर भारत का संदेश देते हुए देशवासियों से स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देने की अपील की थी। वहीं, विपक्ष इसे पुराना विचार बताते हुए कह रहा है कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्रियों ने भी आत्मनिर्भरता और स्वदेशी को अपनी नीतियों में हमेशा प्राथमिकता दी थी। नाशिक से राऊत का यह बयान एक बार फिर केंद्र और महाराष्ट्र की राजनीति में गरमाहट लाने वाला साबित हो सकता है। खासकर तब, जब महाराष्ट्र में सत्ता समीकरण पहले से ही बदलते हालात में हैं और आने वाले चुनावों में राजनीतिक बयानबाजी और तेज होने की संभावना है।

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