Heeraben Modi Death Anniversary 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन का 100 साल की उम्र में 30 दिसंबर 2022 को निधन हो गया था. अब गीतकार मनोज मुंतशिर शुक्ला ने ‘मोदी स्टोरी’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी मां हीराबेन मोदी के रिश्ते को लेकर एक बेहद भावनात्मक अनुभव शेयर किया है. मनोज मुंतशिर ने बताया कि पीएम मोदी ने अपनी मां के निधन के बाद उनके लिए 17 पन्नों की एक चिट्ठी लिखी थी, जिसे अपनी आवाज में रिकॉर्ड करते समय वे अपने आंसू नहीं रोक पाए.
मनोज मुंतशिर ने कहा- “मां को खोने से बड़ा कोई नुकसान इस दुनिया में नहीं होता. दुनिया में हर चीज की भरपाई हो सकती है, लेकिन मां की जगह कोई नहीं ले सकता. सबसे मजबूत बेटा भी मां के जाने से टूट जाता है और पीएम मोदी भी इससे अछूते नहीं थे. फर्क बस इतना है कि जब किसी के कंधों पर पूरे देश की जिम्मेदारी हो, तो दुख भी संयम सीख लेता है.”
उन्होंने कहा- “मोदी की मां हीराबेन सिर्फ उनकी मां ही नहीं थीं, बल्कि उनकी मार्गदर्शक, उनकी ताकत और जीवन की पहली गुरु भी थीं. पीएम मोदी की ओर से लिखी गई चिट्ठी की हर पंक्ति में प्यार, कृतज्ञता और यादों की गहराई झलकती है.”
“There is no loss greater than losing one’s mother; nothing in this world can fill that void. Even the strongest son breaks, and Narendra Modi was no exception. But when a nation rests on your shoulders, grief learns restraint.
While recording Prime Minister Modi’s letter to… pic.twitter.com/bJsdtFryGq
— Modi Story (@themodistory) December 30, 2025
दस बार मेरी आंखें भर आईं- मनोज मुंतशिर
मुंतशिर ने बताया कि उन्हें यह पत्र अपनी आवाज में रिकॉर्ड करने का अवसर मिला. उन्होंने बताया- “मुझे लगा था कि रिकॉर्डिंग में कुछ ही मिनट लगेंगे, लेकिन भावनाएं इतनी गहरी थीं कि हर दो पंक्तियों के बाद रुकना पड़ता था. रिकॉर्डिंग के दौरान करीब दस बार मेरी आंखें भर आईं और कई बार आधे-आधे घंटे के लिए रिकॉर्डिंग रोकनी पड़ी.”
उन्होंने आगे कहा कि यह चिट्ठी बेहद भावनात्मक, मार्मिक और करुणा से भरी हुई थी. मनोज ने कहा- “जब-जब मैं उन पंक्तियों को पढ़ रहा था, मेरा गला रुंध जाता था. ऐसा लग रहा था जैसे मैंने भी अपनी मां को खो दिया हो.”
मां-बेटे के इस पवित्र रिश्ते को लेकर मनोज मुंतशिर ने कहा कि इस संबंध का अपमान करना अत्यंत दुखद है. उन्होंने कहा कि यह पत्र न सिर्फ एक बेटे का अपनी मां के प्रति प्रेम दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि पीएम मोदी के जीवन और व्यक्तित्व के निर्माण में हीराबेन की कितनी अहम भूमिका रही.
जब पीएम मोदी ने लिखा था ब्लॉग
बता दें कि पीएम मोदी अपनी मां के सौ बरस पूरे होने पर गांधीनगर गए थे. हीराबेन के 100 बरस पूरे होने पर पीएम मोदी ने एक भावुक ब्लॉग भी लिखा था.
पीएम मोदी ने अपने ब्लॉग में लिखा था- ”आज मैं अपनी खुशी, अपना सौभाग्य, आप सबसे साझा करना चाहता हूं. मेरी मां, हीराबा आज 18 जून को अपने सौवें वर्ष में प्रवेश कर रही हैं. यानी उनका जन्म शताब्दी वर्ष प्रारंभ हो रहा है. पिताजी आज होते, तो पिछले सप्ताह वो भी 100 वर्ष के हो गए होते. यानी 2022 एक ऐसा वर्ष है, जब मेरी मां का जन्मशताब्दी वर्ष प्रारंभ हो रहा है और इसी साल मेरे पिताजी का जन्मशताब्दी वर्ष पूर्ण हुआ है.”
पीएम मोदी ने लिखा था- ”आज मेरे जीवन में जो कुछ भी अच्छा है, मेरे व्यक्तित्व में जो कुछ भी अच्छा है, वो मां और पिताजी की ही देन है. आज जब मैं यहां दिल्ली में बैठा हूं, तो कितना कुछ पुराना याद आ रहा है. मेरी मां जितनी सामान्य हैं, उतनी ही असाधारण भी. ठीक वैसे ही, जैसे हर मां होती है. आज जब मैं अपनी मां के बारे में लिख रहा हूं तो पढ़ते हुए आपको भी ये लग सकता है कि अरे, मेरी मां भी तो ऐसी ही हैं, मेरी मां भी तो ऐसा ही किया करती हैं. ये पढ़ते हुए आपके मन में अपनी मां की छवि उभरेगी.”
पीएम मोदी ने लिखा था- ”मां की तपस्या, उसकी संतान को सही इंसान बनाती है. मां की ममता, उसकी संतान को मानवीय संवेदनाओं से भरती है. मां एक व्यक्ति नहीं है, एक व्यक्तित्व नहीं है, मां एक स्वरूप है. हमारे यहाँ कहते हैं, जैसा भक्त वैसा भगवान. वैसे ही अपने मन के भाव के अनुसार, हम मां के स्वरूप को अनुभव कर सकते हैं.”