Himanchal Pradesh: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में रविवार को एक ऐसा हादसा हुआ जिसने हर किसी को अंदर तक हिला दिया। एक मां अपनी दो बेटियों के साथ अस्थायी झूला पुल (घरूरू) से ब्यास नदी पार कर रही थी कि तभी एक जोरदार झटका आया और सब कुछ बदल गया। बता दें, दोपहर करीब 2 बजे, रजनी नाम की महिला अपनी दो बेटियां, परी (5 साल) और वंशिका (14 साल) को लेकर जिया गांव से शमशी वर्कशॉप की ओर जा रही थीं। ब्यास नदी पर बना यह घरूरू पुल अस्थायी रूप से चलने के लिए बनाया गया था। लेकिन नदी पार करते वक्त अचानक तेज झटका लगा और रजनी की गोद में बैठी छोटी बेटी परी सीधे नदी में गिर गई।
बहन हवा में झूलती रही, मां मदद को तरसती रही
परी तो पानी में बह गई, लेकिन उसकी बड़ी बहन वंशिका भी गिरते-गिरते घरूरू की रस्सी पकड़ने में सफल रही। करीब 10 मिनट तक वंशिका नदी के ऊपर हवा में झूलती रही। मां रजनी खुद भी रस्सी के सहारे फंसी रहीं और चाहकर भी अपनी बेटी को ऊपर खींच नहीं सकीं। दोनों की चीखें सुनकर आसपास के ग्रामीण वहां दौड़े और कड़ी मशक्कत के बाद मां-बेटी को सुरक्षित नीचे उतारा। लेकिन छोटी बेटी परी को नदी ने नहीं छोड़ा। उसका शव घटना स्थल से करीब 1 किलोमीटर दूर पानी में बहता हुआ मिला।
पुल की हालत पर उठे सवाल
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासन मौके पर पहुंचा। कुल्लू के एसपी डॉ. कार्तिकेयन गोकुल चंद्रन ने कहा कि हादसे की जांच शुरू कर दी गई है। यह देखा जा रहा है कि क्या पुल की स्थिति सही थी या उसकी लापरवाही से यह दुर्घटना हुई। स्थानीय पंचायत प्रधान संजू पंडित ने इस दर्दनाक घटना पर दुख जताया और कहा कि अगर पुल में कोई खामी पाई जाती है, तो आगे से इस रास्ते को बंद कर दिया जाएगा।
इस दुखद घटना ने न केवल एक मासूम की जान ले ली, बल्कि झूला पुलों की सुरक्षा पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। प्रशासन और आम लोगों को अब ऐसे अस्थायी रास्तों से सतर्क रहने की सख्त जरूरत है।