Connaught Place of Uttar Pradesh : भारत में बाजार केवल खरीदारी के स्थान नहीं होते, बल्कि वे किसी शहर की संस्कृति, इतिहास भी होते हैं. दिल्ली का कनॉट प्लेस एक ऐसा ही फेमस बाजार है, जो अपनी शॉपिंग, खानपान और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है. उत्तर प्रदेश में भी एक ऐसा बाजार है, जिसे प्रदेश का “कनॉट प्लेस” कहा जाता है. ये बाजार है- लखनऊ का हजरतगंज.
हजरतगंज बाजार लखनऊ का सबसे पुराना बाजार है. यहां न केवल खरीदारी के लिए बल्कि ऐतिहासिक दृष्टि से भी बहुत कुछ देखने को मिलता है. ये बाजार लखनऊ के दिल में स्थित है और अपनी खूबसूरत वास्तुकला के कारण राज्य का एक प्रमुख आकर्षण है.
हजरतगंज का ऐतिहासिक महत्व
हजरतगंज का इतिहास अवध के नवाबों के शासनकाल तक जाता है. नवाबों ने इस क्षेत्र को विकसित किया, लेकिन अंग्रेजों के शासन में इसे माडर्न रूप दिया गया. ब्रिटिश वास्तुकला और चौड़ी सड़कें हजरतगंज की पहचान बन गईं.
हजरतगंज को कनॉट प्लेस क्यों कहा जाता है?
हजरतगंज को कनॉट प्लेस से इसलिए तुलना की जाती है क्योंकि दोनों बाजारों की विशेषताएं काफी समान हैं. यहां की चौड़ी सड़कें, शैली की इमारतें, बड़े ब्रांड्स के शोरूम, कैफे और रेस्तरां इसे दिल्ली के कनॉट प्लेस के समान बनाते हैं. साथ ही, हजरतगंज में पुस्तकालय और थिएटर भी हैं, जो इसे सिर्फ एक बाजार नहीं बल्कि मनोरंजन का केंद्र भी बनाते हैं.
हजरतगंज में क्या खास है?
खरीदारी: यहां आपको अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स के साथ-साथ लखनऊ के फेमस चिकन कढ़ाई और स्थानीय हस्तशिल्प भी मिलते हैं.
खाना: अवध की मशहूर बिरयानी, कबाब और पारंपरिक मिठाइयां हजरतगंज की शान हैं.
अनुभव: पुराने काल के ब्रिटिश स्थापत्य की छटा के बीच चलना एक अलग ही अनुभव होता है, जो इतिहास की झलक देता है.
संस्कृति: सालभर यहां कई सांस्कृतिक और त्योहारी कार्यक्रम होते रहते हैं, जो बाजार को और भी जीवंत बना देते हैं.
हजरतगंज सिर्फ लखनऊ का एक बाजार नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और सामाजिक केंद्र है. इसकी खासियत और आकर्षण इसे उत्तर प्रदेश का कनॉट प्लेस बनाता है.