Bhagirathpura Water Crisis: इंदौर से एक ऐसी खबर आ रही है जिसने हर किसी को दहशत में डाल दिया है. भारत के सबसे साफ़ शहर का खिताब रखने वाले इंदौर से एक झंकझोर कर रख देने वाली खबर सामने आ रही है. दरअसल, भागीरथपुरा इलाके में आठ लोगों की मौत हो गई है, और 100 से ज़्यादा लोग उल्टी और दस्त से पीड़ित हैं. हैरानी की बात यह है कि पहली मौत 26 दिसंबर को हुई थी, लेकिन जब तक स्थिति गंभीर नहीं हो गई, अधिकारी निष्क्रिय रहे.
कैसे हुआ मामले का खुलासा
जानकारी के मुताबिक सोमवार को, उल्टी और दस्त के कारण अचानक 100 से ज़्यादा लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत आ गई. इनमें से 34 लोगों की हालत काफी खराब बताई जा रही है. कहा जा रहा है कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. मंगलवार तक मरने वालों की संख्या बढ़ती गई है. जानकारी के मुताबिक अब तक आठ लोगों की मौत हो गई थी.
बच्चे हुए सबसे ज्यादा प्रभावित
भागीरथपुरा में बीमारी का कारण हैजा होने का संदेह है. चाचा नेहरू अस्पताल में भर्ती एक तीन साल के बच्चे का टेस्ट पॉजिटिव आया है. इलाके के पांच बच्चे अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें तेजस, शिवा (11 महीने का), यश, लक्ष्मी और लानव्या शामिल हैं. सभी गंभीर उल्टी और दस्त से पीड़ित हैं. इसी दौरान शिवा की दादी की भी मौत हो गई. एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रभावित लोगों की संख्या अब लगभग 20 हो गई है.
जांच में सामने आई ये बात
स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की एक टीम ने मंगलवार को इलाके का सर्वे किया. नतीजे सामने आ रहे हैं. भागीरथपुरा के सभी घरों में पानी सप्लाई करने वाली मुख्य पाइपलाइन के ठीक ऊपर एक सार्वजनिक शौचालय बनाया गया था. पाइपलाइन में लीकेज के कारण सीवेज सीधे पीने के पानी की सप्लाई में मिल रहा था. इलाके में कई टूटी हुई पानी की डिस्ट्रीब्यूशन लाइनें मिलीं, जिनसे दूषित पानी घरों तक पहुंच रहा था. दूसरे शब्दों में, यह बीमारी अप्रत्याशित नहीं थी; यह सिस्टम की लापरवाही का नतीजा थी.

