Indian Railways: भारत में ट्रेन से हर दिन लाखों लोग सफर करते हैं. समय-समय पर भारत में ट्रेनों को अपग्रेड किया जाता रहा है. हाल के कुछ सालों में देश में कई हाई स्पीड ट्रेनों की शुरुआत की गई है. भारतीय रेलवे लगातार इसकी चाल-ढाल में परिवर्तन कर रही है और साल 2026 में कई और नए ट्रेन प्रोजेक्ट्स के आने की उम्मीद है.
वंदे भारत चेयर कार ट्रेन और स्लीपर ट्रेन के साथ ही अमृत भारत एक्सप्रेस और नमो भारत ट्रेनों ने लोगों के सफर को आसान किया है. यही नहीं कुछ ही सालों में भारत में बुलेट ट्रेन भी दौड़ने लगेगी. वहीं हाइड्रोजन ट्रेन पर भी काम चल रहा है. आने वाले सालों में 200 से ज्यादा वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें शुरू होने की उम्मीद है, क्योंकि भारतीय रेलवे लंबी दूरी की ट्रेन यात्रा को बेहतर बनाने की सोच रहा है.
फिलहाल तीन बड़े प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है, जिसमें BEML और ICF की मदद से 10 वंदे भारत स्लीपर ट्रेन सेट बना रहा है; इंडो-रशियन जॉइंट वेंचर काइनेट को 10 ट्रेन सेट बनाने का काम दिया गया है और टीटागढ़-BHEL कंसोर्टियम 80 वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें बनाएगा. ICF जल्द ही वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का अपना वर्जन भी लॉन्च करने पर विचार कर रहा है.
BEML को दिए गए वंदे भारत स्लीपर ट्रेन प्रोजेक्ट का पहला प्रोटोटाइप असल में 2024 की पहली छमाही में तैयार होना था. तब से कई डेडलाइन मिस हो चुकी है. BEML ने दो प्रोटोटाइप रेक बनाए हैं. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में ‘मामूली’ रेट्रोफिटिंग की जरूरत है. उनका मानना है कि इन्हें दिसंबर में लॉन्च किया जाएगा. वंदे भारत स्लीपर ट्रेन प्रोजेक्ट्स के तहत शुरुआत में BEML को 10 ट्रेनों के ऑर्डर दिए हैं.
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के फीचर्स
- वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में 16 पैसेंजर कोच हैं.
- इसमें 11 AC 3 टियर कोच, 4 AC 2 टियर कोच और एक AC फर्स्ट क्लास कोच शामिल हैं.
- नई ट्रेन 160 kmph (टेस्टिंग स्पीड 180 kmph) की स्पीड से चल सकती है, जिससे यह एक सेमी-हाई स्पीड ट्रेन बन जाती है. हालांकि, भारतीय रेलवे नेटवर्क के ज्यादातर हिस्सों में इतनी तेज ट्रेन स्पीड की इजाजत नहीं है.
- वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में ज्यादा आराम के साथ कुशन वाली बर्थ होंगी.
- ऊपर की बर्थ तक पहुंचने के रास्ते को आसान चढ़ाई के लिए फिर से डिजाइन किया गया है.
- नई ट्रेन में स्पेशल नाइट लाइट, विजुअल डिस्प्ले के साथ इंटीग्रेटेड अनाउंसमेंट सिस्टम, CCTV और मॉड्यूलर पेंट्री यूनिट होंगे.
- ट्रेन में मॉडर्न बायो-वैक्यूम टॉयलेट होंगे, जो हवाई जहाजों जैसे होते हैं.
- दिव्यांग यात्रियों के लिए एक टॉयलेट भी होगा, जिसमें एक बेबी केयर स्टेशन भी होगा.
- AC फर्स्ट क्लास में गर्म पानी के इंतजाम के साथ शॉवर की सुविधा होगी.
- वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में देसी KAVACH एंटी-कोलिजन सिस्टम लगा है.
- चेयर कार वजन की तरह, स्लीपर वेरिएंट में भी सबसे अच्छे एनर्जी इस्तेमाल के लिए रीजेनरेटिव ब्रेकिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है.
- कोच में ऑटोमैटिक इंटरकनेक्टिंग दरवाजे हैं.
- साफ हवा और असरदार टेम्परेचर कंट्रोल बनाए रखने के लिए गैंगवे पूरी तरह से सील हैं.
- हर कोच में अलग-अलग रीडिंग लाइट, चार्जिंग पॉइंट, रिफ्रेशमेंट टेबल और GFRP पैनल इंटीरियर हैं.
- ट्रेन के दरवाजे तय स्टेशन पर ऑटोमैटिक खुलते हैं.
- ट्रेन में सेंट्रलाइज्ड कोच मॉनिटरिंग सिस्टम है. इमरजेंसी कम्युनिकेशन सिस्टम यात्रियों को ड्राइवर से जोड़ते हैं.
ICF भी वंदे भारत स्लीपर का अपना वेरिएंट बनाने पर विचार कर रहा है. यह BEML के बनाए गए रेक से थोड़ा अलग है, क्योंकि टॉयलेट की संख्या ज्यादा होगी. खाना गर्म करने और परोसने के लिए एक पेंट्री कार बनाने का भी प्लान है, जो वंदे भारत स्लीपर के दूसरे वर्जन में नहीं है. दिसंबर 2026 तक टारगेट है कि प्रोटोटाइप वंदे भारत स्लीपर रेक तैयार हो जाए.
अमृत भारत 2.0 ट्रेनें होंगी शुरू
साथ ही भारतीय रेलवे एक प्रीमियम लंबी दूरी की ट्रेन लॉन्च करने के साथ-साथ आम आदमी के लिए और भी मॉडर्न ट्रेनें शुरू करने पर भी विचार कर रहा है. अमृत भारत ट्रेनें, जो पहली बार 2023 के आखिर में लॉन्च हुई थीं, आने वाले सालों में भी शुरू की जाएंगी. ICF पहले प्रोटोटाइप की तुलना में बेहतर सुविधाओं वाली अमृत भारत 2.0 ट्रेनें शुरू कर रहा है.
अमृत भारत एक्सप्रेस में सुविधाएं
- अमृत भारत एक्सप्रेस एक पुश-पुल ट्रेन है, जिसमें नॉन-AC कोच हैं और इसमें जनरल और सेकंड-क्लास स्लीपर कोच का मिक्स है.
- अमृत भारत ट्रेन की मैक्सिमम स्पीड 130 kmph है.
- आने वाले महीनों में AC कोच वाली अमृत भारत 3.0 ट्रेन भी शुरू होने की उम्मीद है.
- इसमें फोल्डेबल स्नैक टेबल, बेहतर सीटें और बर्थ, सुव्यवस्थित-एलईडी लाइट फिटिंग, स्लीक एसएस ग्रिल के साथ पंखे, एयर स्प्रिंग सस्पेंशन बोगी, लोक उद्घोषणा और यात्री सूचना प्रणाली (पीएपीआईएस) हैं.
- इसके अलावा मोबाइल होल्डर, रेडियम प्रकाशित फ्लोरिंग पट्टी, शौचालय संकेत लाइट, इलेक्ट्रो न्यूमेटिक प्रेशराइज्ड फ्लशिंग सिस्टम के साथ प्रत्येक कोच में 2 भारतीय और 2 पश्चिमी शैली के शौचालय, शौचालयों और बिजली के क्यूबिकल्स में एरोसोल आधारित अग्नि शमन प्रणाली हैं.
- साथ ही फोल्डेबल बोतल होल्डर, सील्ड गैंगवे (वेस्टिब्यूल), स्वचालित-साबुन डिस्पेंसर, प्रत्येक यात्री के लिए मोबाइल चार्जिंग सॉकेट, एल्युमीनियम कम्पोजिट पैनलों के साथ बेहतर आंतरिक पैनलिंग, आसान लगाव और अलगाव के लिए अर्ध-स्थायी के बजाय अर्ध-स्वचालित कपलर, दुर्घटनारोधी विशेषताएं मॉड्यूलर टॉयलेट, इमरजेंसी में बेसिक लाइटिंग के लिए एक्सटर्नल इमरजेंसी लाइट, चार्जिंग सॉकेट, USB A & C टाइप पोर्ट भी हैं..
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक ICF के GM यू सुब्बा राव ने बताया कि 100 अमृत भारत ट्रेनों का ऑर्डर है. उन्होंने कहा, “हमें 50 अमृत भारत 2.0 ट्रेनों का ऑर्डर मिला है और RCF 50 और ट्रेनें बनाएंगी. हम पहले ही 10-12 ट्रेनें बना चुके हैं. अभी हम महीने में दो रेक बना रहे हैं.” अमृत भारत एक्सप्रेस के AC कोच के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “हम अमृत भारत 3.0 ट्रेन भी लाने की कोशिश कर रहे हैं. हमें ऐसी पांच ट्रेनें बनाने के लिए कहा गया है. हम AC कोच के डिजाइन पर काम कर रहे हैं.”
उन्होंने बताया कि मार्च 2026 तक हम पहला प्रोटोटाइप लाने की कोशिश कर रहे हैं. फीचर्स राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों जैसे ही होंगे, लेकिन बहुत बेहतर भी होंगे, क्योंकि हमने नॉन-AC कोच पर भी काम किया है और उन्हें रेगुलर नॉन-AC कोच से बेहतर बनाया है. यह एक चालू, निरंतर प्रक्रिया है.
भारतीय रेलवे जिन अन्य परियोजनाओं पर काम कर रही है, उनमें कम दूरी की अंतर-शहर यात्रा के लिए नमो भारत ट्रेनें, भारत की अपनी स्वदेशी बुलेट ट्रेन और एक हाइड्रोजन ट्रेन शामिल हैं, जो एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शन परियोजना है. नमो भारत ट्रेनें, जो पहले से ही कुछ मार्गों पर लॉन्च की गई हैं, वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का एक मेट्रो-शैली का संस्करण हैं, जो 130 किमी प्रति घंटे की गति में सक्षम हैं.
नमो भारत ट्रेनों की कुछ प्रमुख विशेषताएं
नमो भारत ट्रेन पूरी तरह से वातानुकूलित है. साथ ही सीलबंद चौड़ा गैंगवे, केंद्रीय रूप से नियंत्रित डबल लीफ स्वचालित प्लग दरवाजे, इलेक्ट्रो न्यूमेटिक ब्रेकिंग और पुनर्योजी ब्रेकिंग सिस्टम 20.32 टी एक्सल बोल्स्टर कम बोगी, निलंबित ट्रैक्शन मोटर लगेज रैक के साथ पैनलिंग, कुशन वाली बेंच टाइप सीटें, फायर डिटेक्शन और सप्रेशन सिस्टम, LED रूट मैप इंडिकेटर हैं. नई ट्रेन की स्पीड 110 kmph तक होगी.
कैसी होगी हाइड्रोजन ट्रेन?
वहीं हाइड्रोजन ट्रेन की बात करें तो यह टेक्नोलॉजी बिल्कुल नई है. यह पूरी दुनिया में शुरुआती स्टेज में है. भारत अपनी बुलेट ट्रेन बनाने पर भी विचार कर रहा है और दो हाई-स्पीड ट्रेन सेट बनाने के लिए ICF के साथ मिलकर BEML को एक प्रोजेक्ट दिया गया है. ट्रेन को देश में ही डिजाइन और बनाया जाएगा.
बुलेट ट्रेन कब से चलेगी?
वहीं बुलेट ट्रेन की बात करें तो यह भारतीय कंडीशन के लिए सही एक एयर-कंडीशन्ड चेयर कार ट्रेन होगी. देश की पहली बुलेट ट्रेन परियाेजना मुंबई-अहमदाबाद हाईस्पीड कॉरिडोर का काम तेज गति से बढ़ रहा है. गुजरात के हिस्से में 2026 में ट्रायल रन का काउंटडाउन शुरू हो जाएगा.
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन, अमृत भारत एक्सप्रेस, नमो भारत, बुलेट ट्रेन और हाइड्रोजन ट्रेन के नए वर्जन पाइपलाइन में होने से यात्री आने वाले सालों में बेहतर ट्रैवल एक्सपीरियंस की उम्मीद कर सकते हैं.