Indian Raiways: भारतीय रेलवे ने एक ऐतिहासिक मील का पत्थर हासिल किया है। रेल मंत्रालय के अनुसार भारतीय रेलवे ने अपने ब्रॉड गेज नेटवर्क का 99.2 प्रतिशत विद्युतीकरण पूरा कर लिया है. इससे भारत यूके (39%), रूस (52%), और चीन (82%) जैसे बड़े रेल नेटवर्क वाले देशों से काफी आगे निकल गया है. इंटरनेशनल यूनियन ऑफ रेलवे (UIC) की जून 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का यह प्रदर्शन वैश्विक स्तर पर सराहनीय है.
कितना विद्युतीकरण हुआ है?
यह उपलब्धि पिछले एक दशक में तेजी से हासिल की गई है. 2014 और 2025 के बीच 46,900 रूट किलोमीटर रेल लाइनों का विद्युतीकरण किया गया, जो 2014 से पहले के लगभग 60 वर्षों में हासिल किए गए कुल विद्युतीकरण (21,801 रूट किमी) से दोगुने से भी ज़्यादा है. हाल के वर्षों में गति और तेज हुई है – 2023-24 में 7,188 रूट किमी और 2024-25 में 2,701 रूट किमी का विद्युतीकरण किया गया है.
14 जोन और 25 राज्य पूरी तरह से विद्युतीकृत
देश के 14 रेलवे जोन (जैसे सेंट्रल, ईस्टर्न, नॉर्दर्न, वेस्टर्न, आदि) अब 100 प्रतिशत विद्युतीकृत हो गए है. 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अपने ब्रॉड गेज नेटवर्क का पूरा विद्युतीकरण पूरा कर लिया है. उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, नागालैंड, त्रिपुरा और मिजोरम ने 100% नेटवर्क विद्युतीकरण हासिल कर लिया है, जबकि असम 92% के साथ अंतिम चरण में है.
पर्यावरण को महत्वपूर्ण लाभ
यह बदलाव सिर्फ एक तकनीकी सफलता नहीं है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी एक वरदान है. रेल परिवहन सड़क परिवहन की तुलना में 89 प्रतिशत कम कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित करता है.
नीति आयोग के आंकड़ों के अनुसार
- सड़क मार्ग से 1 किमी तक 1 टन सामान ले जाने पर 101 ग्राम CO₂ उत्सर्जित होती है.
- रेल मार्ग से, यह सिर्फ 11.5 ग्राम है.
सौर ऊर्जा पर जोर
यह भी ध्यान देने का है कि भारतीय रेलवे अब सौर ऊर्जा पर जोर दे रहा है. देश भर के 2626 रेलवे स्टेशन पर सौर ऊर्जा उत्पादन शुरू किया गया है. जिसका कुल उत्पादन 898 मेगावाट है. सरकार का लक्ष्य 2030 तक भारतीय रेलवे को नेट-ज़ीरो कार्बन एमिटर बनाना है. सभी नई लाइनें और मल्टी-ट्रैकिंग प्रोजेक्ट अब शुरुआत से ही इलेक्ट्रिफिकेशन के साथ मंज़ूर किए जा रहे है.