India US Apache Deal: भारत अपनी सैन्य क्षमता में तेज़ी से इज़ाफ़ा कर रहा है। इसके लिए सेना में लगातार उच्च तकनीक वाले हथियारों को शामिल किया जा रहा है। अब इसी कड़ी में, भारतीय सेना को कुछ ही दिनों में अमेरिका का सबसे ख़तरनाक हथियार मिलने वाला है।
यहाँ हम बात कर रहे हैं अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर्स (Apache AH-64E) की, जिसकी पहली खेप 21 जुलाई को मिलने वाली है। अपाचे के शामिल होने से सेना की आक्रामक क्षमता और टोही अभियानों को ज़बरदस्त बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, दुश्मन पर सटीक और प्रभावी हमला करने की क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी।
‘टैंक्स इन द एयर’ के नाम से मशहूर हैं अपाचे
आपको बता दें कि अमेरिकी अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर ‘टैंक्स इन द एयर’ के नाम से मशहूर हैं। खबरों के मुताबिक, ये उन्नत हेलीकॉप्टर भारतीय वायुसेना के हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पर उतरेंगे।
आपको बता दें कि इससे पहले 2023 में जोधपुर में सेना की पहली अपाचे स्क्वाड्रन का गठन किया जाना था, लेकिन वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान और भू-राजनीतिक बदलावों के कारण इनकी तैनाती बार-बार टलती रही। फिलहाल, भारतीय वायुसेना की दो अपाचे स्क्वाड्रन पहले से ही सक्रिय हैं। एक पठानकोट में और दूसरी जोरहाट में।
जानकारी के लिए बता दें कि साल 2015 में भारत ने बोइंग के साथ 22 अपाचे हेलीकॉप्टरों का पहला सौदा किया था, जिसकी आपूर्ति जुलाई 2020 में पूरी हुई थी। इसके बाद साल 2020 में जब तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत आए थे, तब 60 करोड़ डॉलर का दूसरा सौदा हुआ था, जिसके तहत सेना के लिए 6 अपाचे हेलीकॉप्टर खरीदे गए थे। इनकी डिलीवरी मई-जून 2024 के बीच होनी थी, लेकिन इसमें देरी हो गई।
अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर की ताकत
अपाचे की ताकत की बात करें तो इसमें लगे आधुनिक टारगेटिंग सिस्टम हर मौसम में सटीक आंकड़े देने में सक्षम हैं। इसके अलावा, इनमें नाइट विजन नेविगेशन सिस्टम, नवीनतम संचार, सेंसर, नेविगेशन और हथियार प्रणालियां शामिल हैं, जो सेना की मारक क्षमता को कई गुना बढ़ा देती हैं।
अपाचे हेलीकॉप्टर एक मिनट में 128 सटीक निशाने लगा सकता है, वहीं इसमें नाइट विजन सेंसर भी लगा है, जिससे यह रात में भी हमला कर सकता है। इस हेलीकॉप्टर के भारतीय सेना में शामिल होते ही पाकिस्तान की नींद उड़ जाएगी। इसके अलावा, सेना को अपना पहला हेलीकॉप्टर साल 2023 में हैदराबाद स्थित टाटा-बोइंग एयरोस्पेस लिमिटेड से मिला, जो मेक-इन-इंडिया के तहत एक बड़ा कदम था।