Himachal Pradesh: भारत में अलग अलग संस्कृति के लोग रहते हैं, वहीँ यहाँ तरह तरह की परंपराएं हैं। वहीँ कई रीति-रिवाज तो ऐसे होते हैं जिन्हे सुनते ही हर कोई हैरान रह जाता है। वहीँ ये सब स्थानीय लोगों के लिए काफी जरूरी है। जैसा की आप सभी जानते हैं कि, शादी-ब्याह के मौके पर कई जगहों पर खास रीति-रिवाज होते हैं, जो परंपरा और सांस्कृतिक पहचान से जुड़े होते हैं। वहीँ, कुछ परंपराएं इतनी अनोखी होती हैं कि वो दूसरों के लिए हैरान करने वाली होती हैं। ऐसी ही एक अजीबोगरीब और अनोखी परंपरा हिमाचल प्रदेश के मणिकर्ण घाटी के पीनी गांव से सामने आई है। इस प्रथा को जानने के बाद आप अपने होश खो बैठेंगे ।
बिना कपड़ों के रहती है दुल्हन
दरअसल, पीनी गाँव में शादी के बाद दुल्हन को सात दिनों तक कपड़े न पहनने की परंपरा निभानी होती है।आप सुनकर हैरान हुए होंगे लेकिन वहां ऐसा ही है, आपको बता दें, ये परंपरा गाँव के रीति-रिवाजों का एक अहम भाग है, जिसका यहाँ के लोग पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ पालन करते हैं। इतना ही नहीं इस दौरान दूल्हा-दुल्हन सात दिनों तक एक-दूसरे से दूर रहते हैं और एक-दूसरे से बिलकुल नहीं मिलते।
क्यों निभाई जाती है ये रस्म
इस दौरान दुल्हन को न सिर्फ़ कपड़े पहनने की ज़रूरत नहीं होती, बल्कि यह नियम उसके लिए एक सामाजिक और धार्मिक कर्तव्य के रूप में देखा जाता है। इन सात दिनों के दौरान दूल्हा और दुल्हन दोनों अलग-अलग कमरों में रहते हैं और एक-दूसरे से नहीं मिलते।इस अजीबोगरीब परंपरा के अलावा, पीनी गांव में सावन के महीने में महिलाओं के लिए एक और अनोखी प्रथा भी है। सावन के महीने में गांव की महिलाएं पांच दिनों तक कपड़े नहीं पहनती हैं। इस दौरान पुरुषों को मांसाहारी भोजन और नशीले पदार्थों से दूर रहना होता है। इस परंपरा के बारे में ग्रामीणों का मानना है कि ऐसा करने से गांव में सुख-समृद्धि बनी रहती है।पीनी गांव में यह परंपरा बहुत पुरानी है और इसके पीछे एक खास मान्यता है। ऐसा माना जाता है कि बहुत पहले इस गांव को राक्षसों से मुक्ति दिलाने के लिए कपड़े न पहनने की परंपरा शुरू की गई थी।