Home > देश > जिसके लिए जयशंकर से लड़ते रहे पश्चिमी देश, PM Modi के उसी फैसले ने दुनिया को मंहगाई से बचाया, हरदीप पुरी ने किया बड़ा खुलासा

जिसके लिए जयशंकर से लड़ते रहे पश्चिमी देश, PM Modi के उसी फैसले ने दुनिया को मंहगाई से बचाया, हरदीप पुरी ने किया बड़ा खुलासा

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रूस से तेल खरीदने के बारे में पूछे जाने पर, मंत्री पुरी ने स्पष्ट किया कि रूस प्रतिदिन 90 लाख बैरल से ज़्यादा कच्चे तेल का उत्पादन करता है और दुनिया के सबसे बड़े कच्चे तेल उत्पादकों में से एक है।

By: Divyanshi Singh | Published: July 11, 2025 1:18:13 PM IST



Hardeep Puri:पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी ने रूस से तेल व्यापार को लेकर बड़ा बयान दिया है। हरदीप पुरी ने बताया है कि भारत के रूस से कच्चे तेल की निरंतर खरीद ने वैश्विक ऊर्जा कीमतों को स्थिर करने में मदद की है। उन्होने बताया है कि रूस से कच्चे तेल की कीमतें 120-130 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच जातीं।

हमने पूरी दुनिया को मुद्रास्फीति से बचाया है-हरदीप पुरी

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रूस से तेल खरीदने के बारे में पूछे जाने पर, मंत्री पुरी ने स्पष्ट किया कि रूस प्रतिदिन 90 लाख बैरल से ज़्यादा कच्चे तेल का उत्पादन करता है और दुनिया के सबसे बड़े कच्चे तेल उत्पादकों में से एक है। उन्होंने कहा कि हमने पूरी दुनिया को मुद्रास्फीति से बचाया है।उन्होंने कहा- “अगर वैश्विक तेल आपूर्ति के लगभग 97 लाख बैरल में से 90 लाख बैरल अचानक गायब हो जाएँ, तो पूरी दुनिया को खपत में 10 प्रतिशत से ज़्यादा की कमी करनी पड़ेगी, जो असंभव है।”

रूस पर प्रतिबंध

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के बाद, अमेरिका और पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगा दिए, लेकिन भारत अपनी ऊर्जा ज़रूरतों के लिए रूस से तेल खरीदता रहा।पुरी ने कहा कि रूसी तेल पर कभी भी वैश्विक प्रतिबंध नहीं लगे और भारत ने मूल्य सीमा से कम कीमत पर तेल खरीदकर वैश्विक बाज़ारों को स्थिरता प्रदान की है।

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प्रधानमंत्री मोदी की सराहना

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की ऊर्जा नीति की सराहना की, जो ऊर्जा उपलब्धता और किफायती कीमतों को प्राथमिकता देती है। पुरी ने यह भी बताया कि भारत अपने 33 करोड़ घरों को स्वच्छ रसोई गैस उपलब्ध करा रहा है, जो ऊर्जा सुरक्षा के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

इस बीच, पुरी ने वियना में ओपेक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में भाग लिया, जहाँ उन्होंने भारत की ऊर्जा साझेदारी को और मज़बूत करने के लिए विभिन्न देशों के ऊर्जा मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं।

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