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Goa Night club से पहले इस पब में हुआ था जोरदार धमाका! पिछले 10 वर्षों में देश में हुए 8 बड़े अग्निकांड, जिसकी कहानी आज भी दिल दहला देगी

पिछले 10 वर्षों में गोवा नाइट क्लब, मुंबई पब और अस्पतालों में हुए 8 बड़े अग्निकांडों का भयावह सच. सिलेंडर विस्फोट, शॉर्ट सर्किट और सुरक्षा नियमों की अनदेखी ने कैसे कई जिंदगियां लीं? पढ़िए ये विस्तृत रिपोर्ट

By: Shivani Singh | Published: December 7, 2025 9:29:56 AM IST



गोवा के नाइट क्लब ‘बिर्च बाय रोमियो लेन’ में दिसंबर 2025 में हुए सिलेंडर विस्फोट और अग्निकांड की भयावहता ने लोगो को झकझोर कर रख दिया है. 6/7 दिसम्बर देर रात को हुई इस घटना ने 23 जिंदगियां लील लीं. लेकिन शायद आपको याद होगा कि गोवा की इस त्रासदी से पहले, मुंबई के एक पब में भी ऐसा ही जोरदार धमाका हो चुका था? यह सिर्फ एक घटना नहीं है. पिछले 10 वर्षों में देश में 8 ऐसी बड़ी दुर्घटनाएँ हुई हैं चाहे वे नाइट क्लब हों, अस्पताल या होटल जहां सुरक्षा नियमों की अनदेखी ने कई निर्दोष लोगों की जान ले ली. आइए जानते हैं उन सभी प्रमुख अग्निकांडों के कारण, हताहतों और सबक के बारे में, जो हमें भविष्य के लिए चेतावनी देते हैं.

गोवा नाइट क्लब अग्निकांड (दिसंबर 2025):

दिसंबर 2025 में, नॉर्थ गोवा के अरपोरा में स्थित ‘बिर्च बाय रोमियो लेन’ (Birch by Romeo Lane) नाइट क्लब एक भीषण त्रासदी का गवाह बना, जहाँ रसोई क्षेत्र में सिलेंडर विस्फोट के कारण लगी आग ने 23 लोगों की जान ले ली. यह घटना 6/7 दिसंबर की देर रात हुई, जिसमें मरने वालों में अधिकतर क्लब के कर्मचारी थे, और उनकी मौत का मुख्य कारण दम घुटना (Smoke Inhalation) था. प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि क्लब ने आग से सुरक्षा नियमों का गंभीर उल्लंघन किया था.

मुख्यमंत्री ने कहा कि शुरुआती जानकारी के अनुसार, नाइट क्लब ने अग्नि सुरक्षा मानदंडों का पालन नहीं किया था. सीएम सावंत ने कहा, “हम क्लब प्रबंधन और उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे, जिन्होंने सुरक्षा मानदंडों का उल्लंघन करने के बावजूद इसे संचालित करने की अनुमति दी.”

मुंबई ‘वन अबव’ पब अग्निकांड (दिसंबर 2017):

29 दिसंबर 2017 को मुंबई के कमला मिल्स कंपाउंड स्थित ‘वन अबव’ (1 Above) और मोजो बिस्ट्रो (Mojo’s Bistro) पब में हुई भीषण आग की घटना में 14 लोगों की मौत हो गई, जबकि 55 से अधिक लोग घायल हुए. यह त्रासदी मुख्य रूप से छत पर हुए अवैध निर्माण और अपर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के कारण हुई, कई रिपोर्ट्स में बताये गए हैं कि यह संभवतः शॉर्ट सर्किट या हुक्का से निकली चिंगारी से आग लगी. जांच में सामने आया कि पब में निकास मार्ग अवरुद्ध थे, जिसके कारण लोग फंस गए और अधिकांश मौतें दम घुटने से हुईं.

भंडारा जिला अस्पताल, महाराष्ट्र (जनवरी 2021): 

NICU (नवजात देखभाल इकाई) में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी, जिससे 10 नवजात शिशुओं की दुखद मौत हो गई. इस घटना ने अस्पतालों में बिजली सुरक्षा ऑडिट और अग्निशमन प्रणाली की कमी को उजागर किया.

जबलपुर अस्पताल, मध्य प्रदेश (अगस्त 2022):

शॉर्ट सर्किट से लगी इस आग में 8 लोगों की जान चली गई। त्रासदी का मुख्य कारण फायर सेफ्टी नियमों का उल्लंघन और कर्मचारियों में निकासी प्रशिक्षण का अभाव था.

दिल्ली के बेबी केयर अस्पताल (मई 2024):

शॉर्ट सर्किट के चलते आग लगी, जिसमें 7 नवजात शिशुओं की मौत हो गई। इसने उच्च तकनीक वाले स्वास्थ्य केंद्रों में बिजली के उपकरणों के रखरखाव और सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े किए.

दिल्ली होटल आग (अगस्त 2023):

इस घटना में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी, जिसके परिणामस्वरूप 3 लोगों की मौत हो गई. यह हादसा अवैध संरचनात्मक बदलावों और अग्निरोधी सामग्री के उपयोग की अनदेखी का परिणाम था.

गुजरात होटल आग (हाल के वर्षों में):

गुजरात के विभिन्न होटलों में आग लगने की कई छोटी-बड़ी घटनाएँ हुई हैं, जिनका मुख्य कारण शॉर्ट सर्किट और ज्वलनशील सामग्री का अनुचित भंडारण रहा है. ये दुर्घटनाएँ दिखाती हैं कि होटलों में दीर्घकालिक सुरक्षा योजना और नियमित मॉक ड्रिल की आवश्यकता है.

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