Delhi Blast Case FSL New Update: राजधानी दिल्ली में सोमवार को लाल किले के पास हुए धमाके में फोरेंसिक साइंस लैब की शुरुआती जांच में अब तक का सबसे चौंकने वाला खुलासा सामने आया है, जिसने हर किसी को पूरी तरह से हैरान करके रख दिया है.
फोरेंसिक साइंस लैब की जांच में हुआ खुलासा
शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि धमाका किसी भी तरह से साधारण विस्फोट नहीं था, बल्कि उच्च-तीव्रता वाले टेरर मॉड्यूल द्वारा खौफनाक अंजाम दिया गया था. जांच एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक, यह ब्लास्ट इतना ज्यादा शक्तिशाली था कि पूरी Hyundai i20 कार के टुकड़े दूक-ूदर तक गिर हुए थे.
तो वहीं दूसरी तरफ घटनास्थल पर जांचकर्ताओं को कार का केवल बोनट का एक हिस्सा, एक टायर और गियर लीवर का कुछ हिस्सा ही सही-सलामत मिला बाकी पूरी गाड़ी क्षतिग्रस्त हालत में मिली थी.
FSL की शुरुआती रिपोर्ट में अमोनियम नाइट्रेट की पुष्टि
FSL की शुरुआती जांच में यह खुलासा हुआ है कि धमाके में अमोनियम नाइट्रेट का भारी मात्रा में इस्तेमाल किया गया है. गाड़ी में 30–40 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट भरा हुआ था. जो 2-5 किलो से मध्यम स्तर का IED भी माना जाता है. इसलिए इसे लोड हाई-इंटेंसिटी (High Intensity) के विस्फोटक श्रेणी में भी रखा गया है.
आगे की जांच, मॉड्यूल और नेटवर्क की होगी खोज
बात करें आगे की जांच के बारे में तो, एफएसएल की टीम अब विस्फोट के रासायनिक अवशेष, वायरिंग पैटर्न, सर्किट बोर्ड, टाइमर सिस्टम और कंटेनर के टुकड़ों की गहनता से जांच करने में जुटी हुई है. इसके साथ ही जांच एजेंसियों का यह भी मानना है कि 30–40 किलो अमोनियम नाइट्रेट का परिवहन और स्टोरेज बिना स्थानीय मदद के संभव नहीं हो सकता है.
नूंह में सुरक्षा एजेंसियों का आखिर क्या है बड़ा एक्शन?
धमाके से पहले मुख्य आरोपी उमर जिस इलाके में पांच दिन तक रुका हुआ था, उस क्षेत्र को सुरक्षा एजेंसियों ने अब पूरी तरह से बाहर से घेर लिया है. इसके साथ ही सुरक्षा एजेंसियों ने घर के बाहर सुरक्षा बढ़ाने के साथ-साथ लगातार छापेमारी भी कर रही है.