West Bengal News: पश्चिम बंगाल के विद्यासागर विश्वविद्यालय (Vidyasagar University) में इतिहास की परीक्षा के प्रश्नपत्र में एक प्रश्न ने बड़ा बवाल खड़ा कर दिया है। इस प्रश्नपत्र में देश की आज़ादी की लड़ाई में लड़ने वाले आंदोलनकारियों को ‘आतंकवादी’ बताया गया है।
इस मामले के सामने आने के बाद विपक्षी दल भाजपा ने इसे शहीदों का अपमान बताया है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार पर निशाना साधा है। वहीं विश्वविद्यालय के कुलपति दीपक कुमार कर ने इसे ‘प्रिंटिंग मिस्टेक’ बताते हुए माफ़ी माँग ली है, लेकिन इसे लेकर शुरू हुआ राजनीतिक बवाल थमता नज़र नहीं आ रहा है।
सोशल मीडिया पर एग्जाम पेपर की फोटो वायरल
भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर की है, जिसमें विद्यासागर विश्वविद्यालय के इतिहास ऑनर्स विषय के सेमेस्टर-6 का परीक्षा पत्र दिखाया गया है। भाजपा ने आरोप लगाया, ‘पश्चिम बंगाल में स्वतंत्रता सेनानी अब आतंकवादी बन गए हैं। विद्यासागर विश्वविद्यालय इतिहास ऑनर्स (छठे सेमेस्टर के पेपर C14- भारत में आधुनिक राष्ट्रवाद) की परीक्षा में एक शर्मनाक सवाल पूछा गया है, जिसमें महान भारतीय क्रांतिकारियों को आतंकवादी बताया गया है।
सवाल में पूछा गया है, ‘मेदिनीपुर के तीन जिलाधिकारियों के नाम बताइए, जिनकी आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी।’ इसके साथ ही कथित ‘आतंकवादियों’ की एक सूची भी दी गई है, जो कोई और नहीं बल्कि हमारे महान स्वतंत्रता सेनानी हैं।
ममता सरकार स्वतंत्रता सेनानियों को समझती है आतंकी!
भाजपा ने इस मुद्दे को लपक लिया है और राज्य की ममता सरकार पर हमला बोला है। पार्टी द्वारा साझा की गई तस्वीर में, आतंकवादियों की सूची में बिमल दासगुप्ता, ज्योति जीबेन घोष, प्रद्युत भट्टाचार्य और प्रभांशु पाल जैसे क्रांतिकारियों के नाम हैं।
भाजपा ने ममता सरकार पर भारतीय राष्ट्रवाद के विचार को बदनाम करने का आरोप लगाया है। पार्टी ने कहा है कि बंगाल कभी बौद्धिकता और राष्ट्रवाद की जन्मभूमि था, लेकिन आज ममता बनर्जी की सरकार में भारतीय राष्ट्रवाद के मूल विचार को बदनाम किया जा रहा है। स्वतंत्रता सेनानियों की तुलना अपराधियों से की जा रही है। युवाओं के मन में ज़हर भरने के लिए जानबूझकर इतिहास को फिर से लिखा जा रहा है।
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