गाजियाबाद की राधिका यादव की दुखद मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है। राधिका के पिता दीपक यादव को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इस घटना से पूरा परिवार सदमे में है। दीपक यादव की छवि अब तक एक शांत और स्नेही पिता की रही थी, जिसने अपनी बेटी को हर खुशी देने की कोशिश की थी। इस मामले को लेकर दीपक के बड़े भाई विजय यादव का कहना है, “जो कुछ राधिका के साथ हुआ, वह बहुत गलत हुआ। हम सब अब तक इस सदमे से बाहर नहीं आ पाए हैं।” उन्होंने यह भी साफ किया कि दीपक को किसी अकेडमी को लेकर कोई गुस्सा नहीं था।
वहीं, राधिका के चाचा कुलदीप यादव ने बताया, “मैं अपने बच्चों के साथ नीचे के फ्लोर पर था, जैसे ही ऊपर गोली चलने की आवाज आई, मैं भागकर ऊपर गया और राधिका को तुरंत अस्पताल ले गया।” बताया जा रहा है कि जब दीपक यादव ने राधिका पर गोली चलाई, उस वक्त उसकी मां दूसरे कमरे में मौजूद थीं। राधिका को 15 मिनट के अंदर एक निजी अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
इस घटना के बाद दीपक यादव का बयान पुलिस को चौंकाने वाला था। उन्होंने कहा, “मैंने अपनी ही कन्या का वध कर दिया”। जानकारी के मुताबिक, पुलिस के सामने दीपक यादव फूट-फूटकर रोने लगे। परिवार वालों का कहना है कि दीपक एक जिम्मेदार और बेहद प्यार करने वाले पिता थे। उन्होंने 10 दिन पहले ही राधिका के लिए एक नई कार खरीदी थी। वे अक्सर उसे बाहर खाने या घूमने लेकर जाते थे, कभी हैदराबाद तो कभी विदेश तक।
अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि एक ऐसा पिता, जो बेटी को विदेश तक ले जाता था, वो अचानक इतना बड़ा कदम कैसे उठा सकता है? क्या कोई मानसिक तनाव या घरेलू झगड़ा इसकी वजह बना? पुलिस इस पूरे मामले की हर एंगल से जांच कर रही है, और उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में इस दुखद घटना की पूरी सच्चाई सामने आ पाएगी।