DRDO Indigenous Weapons: भारत के पड़ोसी देश पाक हर बात पर परमाणु जंग की धमकी देता रहता है। हाल के समय में ऑपरेशन सिंदूर और फिर सिंधु जल समझौते को सथगित करने बाद भी पाक के कई मंत्रियों की तरफ से ऐसे बयान सामने आए हैं।
लेकिन अब इन बयानों का करारा जवाब देते हुए DRDO ने भारतीय नौसेना 6 ऐसे हथियार दिए हैं, जो परमाणु, जैविक और रासायनिक (NBC) खतरों से निगरानी और सुरक्षा में मदद करेंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह उत्पाद न्यूक्लियर क्वालिटी स्टैंडर्ड्स (NSQR) के अनुसार डिज़ाइन और विकसित किए गए हैं और पूरी तरह से स्वदेशी हैं।
बता दें कि जोधपुर स्थित डिफेंस लैबोरेटरी में आयोजित विशेष समारोह में ये हथियार भारतीय नौसेना को सौंपे गए हैं। इस समारोह में रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग (DDR&D) के सचिव और DRDO के चेयरमैन ने ये उपकरण भारतीय नौसेना मुख्यालय में एसीएनएस (SSP) रियर एडमिरल श्रीराम अमूर भी शामिल हुए। चलिए भारतीय नौसेना को सौंपे गए इन हथियारों के बारे में जान लेते हैं।
DRDO की तरफ से भारतीय नौसेना को सौंपे गए हथियार-
ऑर्गन रेडियोएक्टिविटी डिटेक्शन सिस्टम (ORDS): यह उपकरण किसी सैनिक या व्यक्ति के शरीर में रेडियोधर्मी तत्वों की उपस्थिति का पता लगाता है।
व्हीकल रेडियोलॉजिकल कंटैमिनेशन मॉनिटरिंग सिस्टम (VRCMS): यह प्रणाली सैन्य वाहनों में रेडियोधर्मी संदूषण की जांच करती है, तथा परिचालन सुरक्षा सुनिश्चित करती है।
एनवायरनमेंटल सर्विलांस व्हीकल (ESV): ये वाहन रेडिएशन, रासायनिक और जैविक खतरों पर नज़र रखने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह अत्याधुनिक सेंसरों से लैस है।
गामा रेडिएशन एरियल सर्विलांस सिस्टम (GRASS): यह प्रणाली हवाई निगरानी के माध्यम से विकिरण का पता लगाती है। यह सीमावर्ती क्षेत्रों में या परमाणु घटनाओं के बाद की स्थिति का आकलन करने में सहायक है।
अंडरवाटर गामा रेडिएशन मॉनिटरिंग सिस्टम (UGRMS): यह प्रणाली समुद्र के नीचे विकिरण का पता लगाने में सक्षम है। इसका उपयोग नौसैनिक अभियानों के दौरान समुद्री पर्यावरण संरक्षण के लिए किया जाएगा।
व्हीकल रेडियोलॉजिकल कंटैमिनेशन मॉनिटरिंग सिस्टम (VRCMS): यह प्रणाली सैन्य वाहनों में रेडियोधर्मी संदूषण की जांच करती है, तथा परिचालन सुरक्षा सुनिश्चित करती है।

