Emergency: देश में आपातकाल के दौरान पत्रकारों से लेकर आम जनता तक को इंदिरा गांधी द्वारा किए गए गए अत्याचारों को झेलना पड़ा था, वहीँ कहीं न कहीं जख्म अब भी ताजा हैं। आपातकाल के दौरान सैकड़ों लोगों को जेल में डाला गया और उन पर अलग अलग तरह से अत्याचार किए गए, लेकिन अब इस बात का खुलासा होने वाला है कि किन किन लोगों को इस जुल्म का सामना करना पड़ा था। दिल्ली सरकार अब इनके नाम सार्वजनिक करने की तैयारी कर रही है। आपकी जानकारी के लिए बता दें, दिल्ली सरकार आंतरिक सुरक्षा अधिनियम (मीसा) से जुड़े गोपनीय दस्तावेज़ सार्वजनिक कर सकती है। इस कानून का इस्तेमाल आपातकाल के दौरान विपक्षी नेताओं और कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई के लिए किया गया था। इससे जुड़े दस्तावेज़ फिलहाल दिल्ली सरकार के अभिलेखीय खजाने का हिस्सा हैं।
दिल्ली सरकार खोलेगी गांधी परिवार की पोल
आपकी जानकारी के लिए बता दें, मीसा से जुड़ी सभी उपलब्ध फाइलों का प्रस्ताव अंतिम मंजूरी के लिए दिल्ली सरकार के गृह विभाग को भेज दिया गया है।अब दिल्ली सरकार आपातकाल वाले समय में जाकर उन लोगों के नाम निकाल कर लाएगी जिसने इंदिरा गाँधी द्वारा किए गए जुल्म सहे हैं। वहीँ जांच करने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद, इन दस्तावेजों का डिजिटलीकरण कर उन्हें आम जनता के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।
क्या है MISA एक्ट
आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने 1971 में मीसा कानून लागू किया था। इस कानून के तहत किसी भी व्यक्ति को बिना किसी आरोप या मुकदमे के गिरफ्तार किया जा सकता था। 26 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक आपातकाल के दौरान राजनीतिक नेताओं, कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और छात्रों के खिलाफ इस कानून का व्यापक रूप से इस्तेमाल किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि हाल ही में 4 करोड़ से ज़्यादा दस्तावेज़ों का डिजिटलीकरण किया गया, जिसके दौरान मीसा से जुड़े ये दस्तावेज़ भी मिले। इन दस्तावेज़ों में आपातकाल के दौरान गिरफ़्तार किए गए कार्यकर्ताओं और लोगों का विवरण और रिपोर्ट शामिल हैं।