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CJI गवई ने केंद्रीय कानून मंत्रालय को लिखा पत्र, इस न्यायाधीश को अपना उत्तराधिकारी बनाने की सिफारिश की

Chief Justice Gavai: मुख्य न्यायाधीश गवई ने केंद्रीय कानून मंत्रालय को पत्र लिखकर न्यायमूर्ति सूर्यकांत को अपना उत्तराधिकारी बनाने की सिफारिश की.

By: Divyanshi Singh | Last Updated: October 27, 2025 11:30:47 AM IST



Chief Justice Gavai: सर्वोच्च न्यायालय के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई ने केंद्रीय विधि मंत्रालय को एक पत्र लिखकर न्यायमूर्ति सूर्यकांत को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त करने की सिफारिश की है. वर्तमान मुख्य न्यायाधीश गवई जल्द ही सेवानिवृत्त होने वाले हैं. उन्होंने अपने उत्तराधिकारी की घोषणा पहले ही कर दी है. मुख्य न्यायाधीश के रूप में गवई का कार्यकाल 23 नवंबर को समाप्त हो रहा है. माना जा रहा है कि न्यायमूर्ति सूर्यकांत ही उनके उत्तराधिकारी होंगे.

मुख्य न्यायाधीश के संबंध में एक परंपरा है कि उनकी सेवानिवृत्ति से लगभग एक महीने पहले, विधि मंत्रालय उनके उत्तराधिकारी के लिए मुख्य न्यायाधीश से सिफारिश मांगता है. इसके बाद मुख्य न्यायाधीश उनके उत्तराधिकारी की सिफारिश करते हैं. इसी समय देश के अगले मुख्य न्यायाधीश का फैसला लगभग तय हो जाता है.

न्यायमूर्ति सूर्यकांत वर्तमान में सर्वोच्च न्यायालय के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं. यदि वे मुख्य न्यायाधीश बनते हैं, तो वे भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश होंगे. नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने के बाद, न्यायमूर्ति सूर्यकांत 24 नवंबर को देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश का पदभार ग्रहण करेंगे. वह 9 फ़रवरी, 2027 तक इस पद पर रहेंगे.

न्यायमूर्ति सूर्यकांत कौन हैं?

न्यायमूर्ति सूर्यकांत का जन्म 10 फ़रवरी, 1962 को हरियाणा के हिसार में हुआ था. वह वर्तमान में मुख्य न्यायाधीश गवई के बाद सर्वोच्च न्यायालय के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं. उन्होंने 1981 में हिसार के राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की. इसके बाद उन्होंने 1984 में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक से अपनी क़ानून की पढ़ाई पूरी की. उसी वर्ष, उन्होंने हिसार ज़िला न्यायालय में वकालत शुरू की. ठीक एक साल बाद, वे पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय चले गए.

न्यायमूर्ति सूर्यकांत को 2004 में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया था. इसके बाद उन्हें 5 अक्टूबर, 2018 को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया. लगभग एक वर्ष तक वहाँ सेवा देने के बाद, उन्हें 24 मई, 2019 को सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत किया गया.

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