Home > देश > Changur Baba Money Laundering Case: UP से लेकर मुंबई तक मनी लॉन्ड्रिंग का जाल…छांगुर बाबा केस में नया खुलासा, पनामा कनेक्शन आया सामने, ऐसे होती थी हेराफेरी

Changur Baba Money Laundering Case: UP से लेकर मुंबई तक मनी लॉन्ड्रिंग का जाल…छांगुर बाबा केस में नया खुलासा, पनामा कनेक्शन आया सामने, ऐसे होती थी हेराफेरी

एजेंसी का मानना है कि ये सौदे अपराध से अर्जित धन से किए गए होंगे, खासकर उन पैसों से जो उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में धर्मांतरण नेटवर्क से जुड़े हैं।

By: Ashish Rai | Published: July 20, 2025 4:35:11 PM IST



Changur Baba Money Laundering Case: बहुचर्चित धर्मांतरण और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छांगुर बाबा और उसके सहयोगियों के खिलाफ जांच के तहत एक बड़ा खुलासा किया है। ईडी को पनामा गणराज्य में स्थित फर्जी कंपनियों का एक जाल मिला है, जिनका इस्तेमाल कथित तौर पर काले धन को सफेद करने और असली मालिकों की पहचान छिपाने के लिए किया जाता था। इसके साथ ही, बाबा के करीबी रोहरा दंपत्ति के संदिग्ध संपत्ति सौदे भी इस धोखाधड़ी की परतें खोलते नजर आ रहे हैं।

उत्तरौला (सुभाष नगर) स्थित बाबा ताजुद्दीन अश्वी बुटीक पर 17 जुलाई को छापेमारी के दौरान प्रवर्तन निदेशालय को पनामा में पंजीकृत LOGOS MARINE S.A. नामक फर्म से जुड़े दस्तावेज मिले हैं। 14 पन्नों के इस डोजियर में एरियल रिकार्डो पैडिला गॉर्डन द्वारा आरोपी नवीन रोहरा को जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी (जीपीए) जारी करने की जानकारी है, जिससे नवीन को कंपनी संचालित करने का अधिकार मिला।

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ईडी को अब तक क्या पता चला है?

ईडी इस बात की जाँच कर रही है कि क्या LOGOS MARINE S.A. जैसी कंपनियों का इस्तेमाल विदेशी चैनलों के ज़रिए धर्मांतरण जैसे अवैध नेटवर्क से जुड़े काले धन को इधर-उधर ले जाने और छिपाने के लिए किया गया था। पनामा लंबे समय से वित्तीय गोपनीयता और कर चोरी के लिए कुख्यात रहा है, जिससे यह खुलासा गंभीर हो जाता है। रिकॉर्ड से पता चला है कि नवीन रोहरा कृष्णा ग्रुप एस.ए. नामक एक अन्य पनामा कंपनी के अध्यक्ष और निदेशक भी हैं। अधिकारियों को संदेह है कि ये दोनों कंपनियाँ मिलकर एक बड़ा मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क चला रही थीं, जिसका उद्देश्य संपत्तियों के असली मालिकों को छिपाना था।

इसके अलावा, ईडी को 18 पन्नों का एक निर्माण समझौता भी मिला है, जिसमें आरोपी नीतू रोहरा, नवीन रोहरा और एजी कंस्ट्रक्शन कंपनी के बीच रियल एस्टेट के लेन-देन का रिकॉर्ड है। एजेंसी का मानना है कि ये सौदे अपराध से अर्जित धन से किए गए होंगे, खासकर उन पैसों से जो उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में धर्मांतरण नेटवर्क से जुड़े हैं।

रोहरा दंपत्ति के इस्लाम धर्म अपनाने के दस्तावेज़ मिले

एजेंसी को 20 पन्नों का एक और समझौता पत्र मिला है, जिसमें रोहरा दंपत्ति और एजी कंस्ट्रक्शन के बीच संपत्ति के स्वामित्व को लेकर हुए विवाद का ज़िक्र है। ये दस्तावेज़ संपत्ति और बेनामी निवेश की जटिल परतों की जानकारी देने में मददगार साबित हो सकते हैं। ईडी को ऐसे सबूत भी मिले हैं जिनसे साबित होता है कि नवीन और नीतू रोहरा ने औपचारिक रूप से इस्लाम धर्म अपना लिया था। इन दस्तावेज़ों में घोषणापत्र, हलफ़नामा और धर्मांतरण प्रमाणपत्र शामिल हैं। अधिकारियों का मानना है कि ये दस्तावेज़ कई संदिग्ध लेन-देन और कथित धर्मार्थ गतिविधियों से सीधे जुड़े हैं।

जांच के दौरान, एक ‘अनापत्ति’ हलफ़नामा भी मिला, जिसमें नीतू रोहरा ने ‘अश्वी बुटीक’ नामक एक व्यावसायिक संस्था के अधिकार छांगुर बाबा को सौंपने की सहमति दी है। इसके अलावा, एक वाहन बिक्री समझौते से भी छांगुर बाबा को वाहन हस्तांतरित करने की बात सामने आई है। हालाँकि ईडी ने अभी तक इन ज़ब्ती की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, ये दस्तावेज़ मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क की व्यापक जाँच का हिस्सा हैं। जांच अब सिर्फ विदेशी कंपनियों तक सीमित नहीं है, बल्कि मुंबई समेत भारत में रोहरा परिवार की कई संपत्तियों की भी गहन जांच की जा रही है, जिन्हें बेनामी और संदिग्ध लेनदेन के तहत माना जा रहा है।

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