India-Bhutan Railway Line: भारत ने भूटान तक रेलवे लाइन बिछाने की घोषणा करके एक बड़ा ही महत्वपूर्ण कदम उठाया है. इस योजना से न सिर्फ पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि हिमालयी क्षेत्र में शक्ति संतुलन बनाए रखने की दिशा को मजबूती भी मिल सकेगी.
भारत का चीन को स्पष्ट संदेश
यह रेल परियोजना साउथ एशिया में विदेशी प्रभाव को कम करने की भारत की कोशिशों का प्रमाण है. भूटान, अपनी रणनीतिक स्थिति की वजह से चीन के लिए महत्वपूर्ण है, जो अपनी बीआरआई (BRI) पहल के तहत रेल गलियारों जैसे बुनियादी ढांचे को उपकरण के रूप में इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहा है. वहीं दूसरी तरफ, भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने जानकारी देते हुए बताया कि यह परियोजना पूरी तरह से द्विपक्षीय समझौते (MoU) पर आधारित है और इसमें किसी तीसरे देश का कोई हस्तक्षेप नहीं है.
परियोजना की विशेषताएं और फोकस
यह परियोजना उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में चीन, भूटान, म्यांमार और बांग्लादेश की सीमाओं से लगे इलाकों में भारत सरकार के 500 किलोमीटर नई रेल लाइन बिछाने के पूरी तरह से फोकस पर है, जिसके लिए 28 हजार करोड़ मंजूर किए गए हैं.
दो प्रमुख रूटों पर बनेगा रेल प्रोजेक्ट:
पहली रेल लाइन: असम के कोकराझार से भूटान के गालेफू तक (कुल 6 स्टेशन)
दूसरी रेल लाइन: पश्चिम बंगाल के बनरहाट से भूटान के समत्से तक
गालेफू: ‘माइंडफुलनेस सिटी’ के रूप में किया जा रहा है विकसित
यह रेल नेटवर्क कनेक्टिविटी को मजबूत करने के साथ-साथ पर्यटन को भी बढ़ावा देगा.