MP News: मध्य प्रदेश से एक ऐसी खबर सामने आ रही है, जिसे जानने के बाद आप हैरान रह जाएंगे। वहीँ, मध्य प्रदेश के दमोह जिले की पथरिया विधानसभा सीट से पूर्व भाजपा विधायक सोना बाई अहिरवाल और उनके दिव्यांग पति सेवक राम अहिरवाल के बीच शादी को लेकर विवाद चल रहा है, इतना ही नहीं अब ये मामला कोर्ट तक पहुँच गया है। वहीँ इस बीच पति का दर्द छलका जिसको लेकर उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी पत्नी को राजनीति में शीर्ष पर पहुंचाने के लिए दिन-रात मेहनत की, लेकिन अब वही पत्नी उससे रिश्ता तोड़ने पर अड़ गई है। इतना ही नहीं इस दौरान तंग आकर पति ने गुजारा भत्ता की भी मांग की है।
पहले कराया काम फिर दिया धोखा
इस दौरान अपना दर्द बयां करते हुए सेवक राम अहिरवाल कहते हैं कि जब उनकी पत्नी सोना बाई ने राजनीति में आने की इच्छा जताई तो उन्होंने उनका दिल से साथ दिया। वहीँ दमोह से लेकर भोपाल और दिल्ली तक सेवक राम ने अपनी पत्नी को बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से जोड़ा, यहाँ तक की प्रचार प्रसार में भी खूब साथ दिया। वहीँ इतनी मेहनत करने के बाद उनकी मेहनत रंग लाई और 2003 में पथरिया विधानसभा सीट से सोना बाई को बीजेपी का टिकट मिल गया। इस दौरान वो न सिर्फ चुनाव जीतीं, बल्कि 2003 से 2008 तक विधायक के तौर पर भी अपनी पहचान बनाई।
पति का सहारा और गद्दी पर राज
इसके बाद उनके पति ने दावा किया है कि विधायक बनने के बाद सोना बाई का व्यवहार पूरी तरह बदल गया। जैसे-जैसे वरिष्ठ नेताओं से उनकी नजदीकियां और राजनीतिक रसूख बढ़ता गया, वो अपने पति से दूर होती गईं। इस दौरान सेवक राम कोर्ट पहुंचे और याचिका दायर की। याचिका में उन्होंने बताया कि, 2008 में सोना बाई का कार्यकाल खत्म होने के बाद पथरिया सीट अनारक्षित हो गई, जिसके चलते उन्हें दोबारा टिकट नहीं मिला। लेकिन इसके बाद भी सोना बाई ने राजनीति में अपनी सक्रियता बनाए रखी।
सेवक का आरोप है कि 2009 में उनकी पत्नी ने उन्हें बिना तलाक दिए ही छोड़ दिया और सागर में नया मकान लेकर रहने लगी। सेवक के मुताबिक सोना बाई के पास जमीन-जायदाद और गाड़ियां हैं और पूर्व विधायक होने के नाते उन्हें सरकारी पेंशन भी मिल रही है। वहीं दिव्यांगता के चलते मेहनत-मजदूरी करने में असमर्थ सेवक को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है।