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पीरियड्स न आने या देर से आने के ऐसे कारण जो आपके स्वास्थ्य को कर सकते हैं प्रभावित, जानिए कैसे पहचानें समय पर!

Periods Problem: गर्भावस्था मासिक धर्म न आने का एक कारण हो सकती है, लेकिन इसके और भी कई कारण हो सकते हैं.प्रजनन आयु की महिलाओं का मासिक धर्म चक्र आमतौर पर 28 दिनों का होता है. हालांकि, मासिक धर्म का कुछ दिन पहले या बाद में शुरू होना आम बात है.

By: Shivashakti Narayan Singh | Published: October 21, 2025 11:41:05 PM IST



Periods Problem: कभी-कभार मासिक धर्म न आना कोई गंभीर समस्या नहीं मानी जाती, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि अगर ऐसा बार-बार होता है, तो यह किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है.आपको खुद को और अपने शरीर को समझने की जरूरत है ताकि आप पहचान सकें कि क्या गड़बड़ है. हर महिला का शरीर पूरी तरह से अलग तरह से काम करता है. कोई भी दो महिलाएं एक जैसी नहीं होतीं.अगर कोई महिला गर्भवती नहीं है और लगातार तीन महीनों तक उसका मासिक धर्म नहीं आया है, या 45 साल की उम्र से पहले उसका मासिक धर्म बंद हो गया है, तो उसे जरूर डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए व उन लड़कियों के लिए भी स्वास्थ्य जांच की सलाह देता है जिनका मासिक धर्म 15 साल की उम्र तक शुरू नहीं हुआ है.

तनाव

तनाव सबसे बड़ा कारण हो सकता है. तनाव हमारे समय में एक महामारी की तरह है.”तनाव एड्रेनालाईन जैसे हार्मोन में तेज़ी से वृद्धि करता है, जो शरीर को किसी भी संभावित खतरे से बचाने के लिए सतर्क कर देता है.इन हार्मोनों के लंबे समय तक संपर्क में रहने से मासिक धर्म चक्र प्रभावित हो सकता है. कभी-कभी मासिक धर्म नहीं भी हो सकता है या मासिक धर्म अधिक दर्दनाक हो सकता है.कुछ मामलों में, तनाव के कारण महिलाओं को एक ही चक्र (चार सप्ताह का चक्र) में दो बार मासिक धर्म हो सकता है.यदि मासिक धर्म न आने का कारण तनाव है, तो NHS नियमित व्यायाम या श्वास व्यायाम को एक उपाय के रूप में सुझाता है. यदि ये तरीके काम नहीं करते हैं, तो संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (CBT) तनाव और चिंता से निपटने में मदद कर सकती है.

अचानक वजन घटना

कैलोरी का सेवन बहुत कम करने से शरीर में ओव्यूलेशन (अंडाशय से अंडे निकलने की प्रक्रिया) के लिए जरूरी हार्मोन का उत्पादन बाधित हो सकता है.एक पंजीकृत पोषण विशेषज्ञ इस स्थिति से ग्रस्त लड़कियों और महिलाओं को वज़न बढ़ाने में मदद कर सकता है.अगर वजन घटना किसी खाने-पीने के विकार से संबंधित है, तो मनोचिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए.

अधिक वजन या मोटापा

अधिक वजन होने से शरीर में अतिरिक्त एस्ट्रोजन निकलता है. यह उन हार्मोनों में से एक है जो महिला प्रजनन प्रणाली को नियंत्रित करता है.एस्ट्रोजन के स्तर में कोई भी वृद्धि मासिक धर्म की नियमितता को प्रभावित कर सकती है और कुछ मामलों में, मासिक धर्म पूरी तरह से बंद भी हो सकता है.जिन महिलाओं को एमेनोरिया हो रहा है और जिनका वज़न ज़्यादा है या जिनका बॉडी मास इंडेक्स 30 से ऊपर है, उन्हें अक्सर उनके डॉक्टर स्वस्थ वज़न हासिल करने में मदद के लिए किसी पोषण विशेषज्ञ से परामर्श लेने की सलाह देते हैं.

अत्यधिक शारीरिक व्यायाम

अत्यधिक शारीरिक व्यायाम से होने वाला शारीरिक तनाव भी मासिक धर्म को नियंत्रित करने वाले हार्मोन को प्रभावित कर सकता है. शरीर में अत्यधिक चर्बी भी ओव्यूलेशन को बाधित कर सकती है.पेशेवर एथलीटों के लिए, एक खेल चिकित्सा विशेषज्ञ उन्हें व्यायाम के स्तर के बारे में सलाह दे सकता है जिससे वे इसे ठीक कर सकें.

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम

अंडाशय (वह स्थान जहां अंडे बनते हैं) में बड़ी संख्या में थैली जैसी संरचनाएँ होती हैं जिन्हें रोम कहते हैं और ये रोम अंडों के विकास का स्थान होते हैं. समान्यतः, अंडाशय में एक अंडा विकसित होता है और उनमें से एक निषेचन के लिए तैयार होता है.लेकिन पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) में, अंडाशय में कई रोम बनते हैं, जो विकसित अंडा बनाने में विफल हो जाते हैं.इस स्थिति वाली महिलाओं में, ये थैली अक्सर अंडा छोड़ने में विफल हो जाती हैं, जिससे ओव्यूलेशन (अंडा निकलना) रुक जाता है.यूके में, एनएचएस का अनुमान है कि दस में से एक महिला पीसीओएस से प्रभावित है. मासिक धर्म न होने के लगभग 33 प्रतिशत मामलों में यह जिम्मेदार है.पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम अंडाशय के सामान्य कामकाज को प्रभावित करता है और ओव्यूलेशन को रोक सकता.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. inkhabar इसकी पुष्टि नहीं करता है

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