Sex Life : अगर आप भी यह सोच रहें हैं कि क्या पाचन समस्याएं आपकी सेक्स लाइफ को प्रभावित कर सकती हैं? तो इसका जबाब हां, है . कई लोग ऐसे हैं जो पाचन संबंधी परेशानियों के कारण यौन समस्याओं का सामना करते हैं. लेकिन बहुत कम लोग यह समझ पाते हैं कि सेक्स और डायजेस्टिव सिस्टम के बीच भी एक संबंध होता है. इतना गहरा कि पाचन संबंधी समस्याएं लो लिबिडो (कामेच्छा में कमी) और इरेक्टाइल डिस्फंक्शन जैसी समस्याओं का कारण बन सकती हैं., इसे समझने के लिए जानतें हैं विशेषज्ञों की राय..
सेक्स लाइफ और पाचन के बीच संबंध
हम में से कई लोग फिल्म ‘पीकू’ देख चुके हैं, जिसमें अमिताभ बच्चन का किरदार अपने बावेल मूवमेंट को लेकर परेशान रहता है. इस उदाहरण के जरिए हम यह समझ सकते हैं कि “अच्छा महसूस करना” किस तरह काम करता है. जब कोई व्यक्ति खाने के बाद स्टूल पास करता है या भूख महसूस करता है, तो उसके शरीर में फील-गुड एहसास पैदा होता है.यह एहसास सेरोटोनिन हार्मोन की वजह से होता है, जिसे अक्सर ‘हैप्पीनेस हार्मोन’ कहा जाता है. विशेषज्ञ बताते हैं सेरोटोनिन हार्मोन पूरे आंत में मौजूद होता है और यह मूड को बेहतर बनाता है. इसलिए इसका सेक्सुअल हेल्थ से बीच गहरा संबंध है.
पाचन संबंधी समस्याएं और सेक्स लाइफ
पाचन से जुड़ी समस्याएं व्यक्ति के शारीरिक, भावनात्मक और यौन जीवन पर नकारात्मक असर डाल सकती हैं.क्योंकि आंत का स्वास्थ्य मुख्य रूप से माइक्रोबियल फ्लोरा पर निर्भर करता है, जो सेरोटोनिन स्राव में मदद करता है और आंत में किसी भी प्रकार की सूजन सेरोटोनिन का स्राव और लिबिडो दोनों को प्रभावित कर सकती है.
अपच और यौन जीवन पर असर
अगर आपने बहुत अधिक खाना खा लिया है या अपच का अनुभव कर रहे हैं, तो पेट में दर्द और बेचैनी आपके यौन जीवन को प्रभावित कर सकती है.इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS), जो कब्ज, दस्त, पेट में मरोड़ और सूजन का कारण बनता है, यौन क्रिया को दर्दनाक बना सकता है और सेक्स के दौरान भावनात्मक तनाव जोड़ सकता है.
अपच से कम होता है सेरोटोनिन
सेरोटोनिन एक प्रकार का न्यूरोट्रांसमीटर है जो ब्रेन में मूड को नियंत्रित और स्थिर करता है. यह हमें कम चिंतित और खुश महसूस कराता है, जिससे सेक्स अधिक सुखद बनता है. लेकिन अपच, IBS, मतली और उल्टी जैसी पाचन समस्याएँ सेरोटोनिन के स्तर को कम कर सकती हैं, जिससे यौन सुख का अनुभव कठिन हो जाता है.
यूरीनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) का खतरा
पाचन संबंधी समस्याओं वाले लोगों में यूरीनरी ट्रैक्ट में संक्रमण आम हो सकता है. अपच बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा दे सकती है, जिससे योनि में संक्रमण हो सकता है. इलाज न कराने पर यह गुर्दे की समस्या भी पैदा कर सकता है.अगर पहले से आपको UTI है, तो पाचन संबंधी समस्याएं होने की संभावना बढ़ जाती है. यह पेट, विशेष रूप से लोअर एब्डोमेन, पर असर डाल सकती है और सेक्स के दौरान दबाव और दर्द महसूस करवा सकती है.
पेट की समस्या से तनाव
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं से उत्पन्न तनाव यौन संबंधों के अनुभव को प्रभावित कर सकता है. यह गर्भधारण की कोशिशों को भी बाधित कर सकता है. शरीर सेरोटोनिन बनाने के बजाय तनाव हार्मोन कोर्टिसोल का स्राव करेगा.

