Vidhara Benefits: प्रकृति में कुछ जड़ी-बूटियां ऐसी होती हैं जो कई बीमारियों में काम आती हैं और शरीर को ताकत देती हैं। विधारा भी एक ऐसी ही जड़ी-बूटी है। इसे कई नामों से जाना जाता है, जैसे कुछ क्षेत्रों में इसे अधोगुडा कहा जाता है। असम जैसे राज्यों में इसकी दवाइयों में इस्तेमाल के लिए खेती भी की जाती है।
विधारा के फायदे
विधारा की खास बात यह है कि इसके जड़, पत्तियां और तना – सभी भागों में औषधीय गुण होते हैं। यह जड़ी-बूटी पुरुषों के लिए एक बेहतरीन टॉनिक मानी जाती है, लेकिन महिलाओं के लिए भी यह कई मामलों में फायदेमंद साबित होती है।
हालांकि, जंगलों में कई जड़ी-बूटियां एक जैसी दिखती हैं, इसलिए विधारा को पहचानना आसान नहीं होता। इसे केवल कोई जानकार या हर्बल एक्सपर्ट ही सही ढंग से पहचान सकता है।
औषधीय गुणों से भरपूर
एक वैज्ञानिक रिपोर्ट (एशियन जर्नल ऑफ फार्मास्युटिकल एंड हेल्थ साइंस) के अनुसार, विधारा में ऐसे प्राकृतिक तत्व (कंपाउंड) होते हैं जो कई तरह की बीमारियों में उपयोगी हो सकते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लामेटरी, दर्द निवारक (एनालजेसिक), लिवर की रक्षा करने वाले (हेपाटोप्रोटेक्टिव) और यौन शक्ति बढ़ाने वाले (एफ्रोडिसियक) गुण इसे बेहद खास बनाते हैं।
किस-किस बीमारी में लाभदायक है?
विधारा का उपयोग कई तरह की बीमारियों में किया जा सकता है, जैसे:
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डायबिटीज (ब्लड शुगर कंट्रोल)
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जोड़ और हड्डियों का दर्द
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पेट का अल्सर
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महिलाओं में यौन संक्रमण (गोनोरिया)
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त्वचा की बीमारियां
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गठिया (अर्थराइटिस)
नसों और दिमाग के लिए फायदेमंद
विधारा में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो नसों को मजबूत और सक्रिय करते हैं। इसमें स्टेरॉल ग्लाइकोसाइड और एसेंशियल ऑयल होते हैं, जो हमारे सेंट्रल नर्वस सिस्टम को शांत और ताकतवर बनाते हैं। इससे नसों को राहत मिलती है, तनाव कम होता है, शरीर में ऊर्जा और स्टेमिना बढ़ता है और मूड अच्छा रहता है।
Disclaimer: इनखबर इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।