What are Omega-3 Deficiency: ओमेगा-3 फैटी एसिड ‘स्वस्थ वसा’ के रूप में ज्यादातर जाने जाते हैं, जिन्हें हमारा शरीर खुद नहीं बना सकता है. इसके साथ ही इन्हें खाने के साथ-साथ सप्लीमेंट्स के जरिए ही लेना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है. इसके साथ ही प्रोसेस्ड फूड के बढ़ते चलन की वजह से भारतीय आबादी में ओमेगा-3 की भारी कमी देखने को मिल सकती है, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को पूरी तरह से प्रभावित कर सकते हैं. ओमेगा-3 शरीर के महत्वपूर्ण कार्यों जैसे हृदय की सुरक्षा, मस्तिष्क की कार्यक्षमता और सूजन को कम करने में सबसे ज्यादा मददगार साबित होता है. तो वहीं, इसकी कमी की वजह से हृदय रोग, अवसाद, जोड़ों का दर्द और आंखों की बीमारियां बी हो सकती हैं.
1. हृदय रोग का क्यों है खतरा?
ओमेगा-3 रक्त में ‘ट्राइग्लिसराइड्स’ (‘Triglycerides’) को पूरी तरह से कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को बढ़ाने में सबसे ज्यादा मददगार साबित होता है. तो वहीं, इसकी कमी से धमनियों में प्लाक जम सकता है, जिससे उच्च रक्तचाप (Blood Pressue) और दिल के दौरे का जोखिम ज्यादा बढ़ भी सकता है.
2. मानसिक स्वास्थ्य और अवसाद
मस्तिष्क का लगभग 60 प्रतिशत का हिस्सा वसा (Fat) से बना होता है, जो ओमेगा-3 की कमी सीधे तौर पर चिंता, अवसाद (Depression) की कमी से जुड़ी होती है. दरअसल, यह अल्जाइमर और याददाश्त कम होने जैसी समस्याओं को भी बढ़ावा दे सकता है.
3. जोड़ों में दर्द और सूजन की परेशानी
इतना ही नहीं, ओमेगा-3 में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं. जहां, इसकी कमी से शरीर में सूजन की समस्या भी तेजी से बढ़ने लगती है, जिससे जोड़ों में अकड़न और अर्थराइटिस (गठिया) के लक्षण गंभीर होने की संभावना भी तेजी से बढ़ जाती है.
4. आंखों की समस्या की हो सकती है परेशानी
तो वहीं, दूसरी तरफ रेटिना के स्वास्थ्य के लिए DHA (ओमेगा-3 का एक प्रकार) सबसे ज्यादा ज़रूरी होता है. जहां, इसकी कमी से आंखों में सूखापन (Dry Eye Syndrome) और उम्र के साथ दृष्टि कमजोर होने की समस्या पहले से और भी ज्यादा बढ़ जाती है.
5. त्वचा और बालों का रूखापन
लेकिन, अगर आपकी त्वचा ज्यादा रूखी है और साथ ही बाल झड़ने की समस्या भी है, तो यह ओमेगा-3 की कमी का साफ-साफ संकेत है. इसके साथ ही यह आपकी त्वचा की सुरक्षात्मक परत को बनाए रखने में भी सबसे ज्यादा मददगार साबित होता है. ओमेगा-3 की कमी केवल एक मामूली पोषक तत्व की कमी नहीं है, बल्कि यह भविष्य की बड़ी बीमारियों की जड़ भी हो सकती है. अखरोट, चिया सीड्स, अलसी के बीज और मछली को आहार में शामिल करके इस कमी को आप पूरी तरह से दूर कर सकते हैं.

