World First Coup: हाल के कुछ सालों में भारत के पड़ोसी देशों में ऐसी हिंसा भड़की है, जिसने वहां की बनी बनाई सरकार को उखाड़ फेंका है। अफगानिस्तान बांग्लादेश, श्रीलंका के बाद अब कुछ घण्टों पहले ही नेपाल में भी तख्तापलट हो गया। सोशल मीडिया बैन के बाद वहां पर शुरू हुए Gen Z प्रोटेस्ट कुछ ही समय में हिंसा में बदल गया और देखते-देखते राजधानी काठमांडू की सड़क जलने लगीं।
हाल ये हो गया कि पहले पीएम केपी शर्मा ओली और फिर राष्ट्रपति को इस्तीफा देना पड़ा। सामने आ रही जानकारी के मुताबिक केपी शर्मा ओली फिलहाल अपनी जान बचाकर दूबई भाग गए हैं। वहीं हालात पर काबू पाने के लिए नेपाली सेना ने मोर्चा संभाला हुआ है।
वैसे बता दें कि ये कोई पहली बार नहीं है, जब दुनिया के किसी देश में तख्तापलट हुआ हो। नेपाल से पहले भी कई देशों में ये मामला सामने आ चुका है। चलिए जानते हैं कि दुनिया का सबसे पहला तख्तापलट कब और कहां हुआ था?
दुनिया में सबसे पहला तख्तापलट कहां हुआ?
जानकारी के लिए बता दें कि दुनिया में सबसे ज्यादा और सबसे पहला तख्तापलट अफ्रीकी देशों में हुए हैं, जिसमें सबसे पहला तख्तापलट 13 जनवरी 1963 को अफ्रीका के टोगो में हुआ। यहां पर राष्ट्रपति सिल्वानस ओलंपियो को असंतुष्ट सैनिकों ने गोली मार दी। इसके अलावा सूडान, बुर्किना फासो और नाइजीरिया जैसे अफ्रीकी देशों में भी सत्ता का उलटफेर कई बार देखने को मिल चुका है।
भारत के पड़ोसी देशों में हुए तख्तापलटों पर एक नजर
अफ्रीकी देशों के अलावा भारत के पड़ोसी देशों में भी कई बार तख्तापलट देखने को मिला है। इसमें सबसे आगे पाकिस्तान का नंबर आता है, जहां पर 1958, 1977 और 1999 में सैन्य तख्तापलट हुए। इसके बाद श्रीलंका में साल 2022 में आर्थिक संकट के कारण जनता का आक्रोश देखने को मिला। और फिर वहां भी सरकार के साथ बड़ा उलटफेर हुआ। वहीं बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन के कारण शेख हसीना को अपनी जान बचाकर भारत आना पड़ा था।
वहीं अगर हम तख्तापलट के कारणों पर गौर करें तो इनमें राजनीतिक अस्थिरता, आर्थिक संकट, भ्रष्टाचार और सैन्य महत्वाकांक्षा देखने को मिली है। इसके अलावा लोकतांत्रिक संस्थाएं और सत्ता का केंद्रीकरण भी इसकी बड़ी वजह हो सकती है।
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