Why People Throw Coins In River: लोग अक्सर यात्रा के दौरान जब भी नदी देखते हैं, तो वह गंगा, यमुना या कोई अन्य पवित्र नदी में सिक्का जरुर डालते हैं. लोगों का मानना है कि ऐसा करने से उनकी मनोकामना पूरी होती है. यह परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है. नदी में सिक्का फेंकने की अलग-अलग मान्यताएं हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं इसका असली कारण क्या है? अगर नहीं तो आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से…
क्या सचमुच पूरी होती है मनोकामना?
लोगों का मानना है कि नदियों, झरनों या फव्वारों में सिक्के फेंकने से उनकी इच्छा पूरी हो जाती है. इसी कारण कई लोग गंगा, यमुना जैसी पवित्र नदियों में सिक्का डालते हैं. रोम के ट्रेवी फाउंटेन में सिक्का फेंकने से वापस रोम में पैदा होने की मनोकामना मानी जाती है. यहां बात सिर्फ परंपरा की नहीं बल्कि किस्मत की भी है.
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, नदियों को हमेशा से पवित्र माना जाता है. हिंदू धर्म में नदियों का पूजन किया जाता है. क्योंकि नदियां जल का सबसे महत्वपूरण स्त्रोत है. इसी कारण लोगों की आस्था प्राचिन काल से जुड़ी हुई है. हिंदू मान्यताओं के मुताबिक, बहती नदी में सिक्का फेंकने से धन की देवी माता लक्ष्मी प्रसन्न हो जाती हैं. यात्रा के दौरान अगर नदी दिख जाए तो लोग एक या दो का सिक्का जरुर फेंक देते हैं. माना जाता है कि ऐसा करने से माता लक्ष्मी का आशीर्वाद आप पर बना रहता है. साथ ही सिक्का फेंकने से भगवान सूर्य की कृपा भी प्राप्त होती है. इतना ही नहीं मान्यता के अनुसार नदी में सिक्का फेंकने से पितरों का भी आशीर्वाद बना रहता है.
नदियों में सिक्के फेंकने का वैज्ञानिक कारण
पुरानी समय में सिक्के तांबे के बनाए जाते हैं. यह तांबे की सबसे महत्वपूर्ण धातु मानी जाती है. तांबा पानी की शुद्धता को बरकरार रखने में मदद करता है. इसी कारण लोग प्राचीन काल से तांबे का सिक्का नदियों में फेंकते आए हैं. तभी से इस परंपरा की शुरुआत हुई. प्राचीन काल में लोग बहती नदी में तांबे के सिक्के फेंकते थे. तांबे की सिक्के धीरे-धीरे समय के साथ पानी में घुल जाते थे. इससे नदी के जल की शुद्धता और उसके स्वास्थयवर्धक गुण बरकरार रहते थे. इस तरह से लोगों को नदियों का साफ जल मिलता था. दरअसल, तांबे के सिक्कों को नदियों में डालकर प्राकृतिक तरीके से जल को शुद्ध किया जाता था.