FAQ- Rabies Disease: कुत्तों को दुनिया का सबसे वफादार जानवर माना जाता है. आजकल लोग कुत्तों को पालना काफी पसंद है. लोग कुत्तों को अपने बच्चे की तरह प्यार करते हैं. लेकिन, क्या आप जानते हैं तो वह आपकी मौत की वजह बन सकते हैं. अगर आपको कुत्ता काट लेता है, तो रेबीज की बीमारी हो सकती है. जो कि एक लाइलाज बीमारी है. अगर इससे बचने के लिए समय पर एक्शन नहीं लिया जाए तो आप मौत के घाट उतर सकते हैं. रेबीज एक बेहद गंभीर समस्या होने के बाद लोगों को इसके बारे में पूरी जानकारी नहीं है. इसलिए हर साल 28 सितंबर को विश्व रेबीज दिवस मनाया जाता है. जिसका उद्देश्य मनुष्य और पशुओं में रेबीज बीमारी के बारे में वैश्विक जागरुकता बढ़ाना और रेबीज की रोकथाम के प्रयासों में तेजी लाना है.
क्या है रेबिज?
रेबिज एक गंभीर समस्या है. यह एक तरह का घातक वायरल है, जो संक्रमित जानवरों के काटने या उनकी लार के संपर्क में आने के कारण होता है. WHO के मुताबिक (ref), रेबीज हर साल हजारों लोगों की जान ले लेता है. इन मामलों में से लगभग 99 प्रतिशत लोग कुत्ते के काटने से संक्रमित होते हैं. एक बार जब किसी व्यक्ति में रेबीज के लक्षण दिखाई देते हैं, तो उसकी मौक लगभग पक्की है. रेबीज एक ऐसी बीमारी है, जिसका इलाज मिलना काफी मुश्किल है.
वैक्सीन लगने के बाद भी होता है रिस्क
कुत्ते के काटने से नहीं बल्कि चाटने से भी रेबीज हो सकता है. इस मामलों में घाव को धोना और रेबीज का टीका तुरंत लगवाना जरुरी होता है. अगर आप यह सोच रहे हैं, कि घर में बैठे कुत्तों से रेबीज का खतना नहीं होता है, तो यह बिल्कुल गलत है. पालतु कुत्ते के काटने के बाद व्यक्ति की मौत हो गई. रेबीज के खतरे से बचना चाहते हैं तो अपने पेट डॉग को समय-समय पर रेबीज की वैक्सीन जरुर लगवाएं. भले ही कुत्ते को रेबीज का टीका लगाया गया हो, फिर भी डॉक्टर के पास आपको सलाह लेना चाहिए.
क्या होते हैं लक्षण?
बुखार, सिरदर्द, जी मिचलाना या उल्टी, घबराहट, एंग्जायटी, भ्रम, निगलने में कठिनाई, अत्यधिक लार आना, पानी से डर लगना, हवा से डर लगना, मतिभ्रम, इनसोम्निया, पार्शियल पैरालाइसिस
रेबीज किस वायरस से होता है?
रेबीज (Rabies) रेबीज वायरस (RABV) नामक वायरस के कारण होता है, जो लाइसावायरस (Lyssavirus) जीनस से संबंधित है और यह मस्तिष्क और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है, जिससे यह बीमारी लगभग हमेशा घातक होती है.
रेबीज का इलाज
रेबीज के लक्षण दिखने के बाद कोई प्रभावी इलाज नहीं है, इसलिए बचाव ही एकमात्र उपाय है; संक्रमित जानवर के काटने के बाद तुरंत घाव को खूब सारा साबुन-पानी से कम से कम 15 मिनट धोएं और बिना देर किए अस्पताल जाएं, जहां डॉक्टर आपको एंटी-रेबीज वैक्सीन लगवानी होगी.
रेबीज वाले दुधारू पशु से हो सकता है वायरस?
दुधारू पशु को कुत्ते ने काटा हो, तो उसके दूध से रेबीज फैलने का कोई पुख्ता वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, क्योंकि रेबीज वायरस लार और तंत्रिका ऊतक (नर्वस टिश्यू) से फैलता है, दूध से नहीं, और उबालने या पाश्चुरीकरण से यह मर जाता है; हालांकि, एहतियात के तौर पर संक्रमित जानवर का कच्चा दूध या उत्पाद नहीं पीना चाहिए क्योंकि वायरस मर जाता है लेकिन अन्य संक्रमणों का खतरा रहता है.