Political Party Formation: चुनाव को दौर जारी है. एक चुनाव की प्रक्रिया खत्म नहीं होती तो दूसरी चुनाव की प्रक्रिया आ जाती है. वहीं अब बिहार में चुनाव होने जा रहे हैं. मतदान के दौरान हर जगह राजनीतिक दलों के पोस्टर और बैनर लगे होते हैं , जिन्हे देखकर हर कोई सोचता है कि आखिर एक पोलिटिकल पार्टी कैसे बनाई जाती है या इसे बनाने के लिए किन किन नियमों को फॉलो करना पड़ता है? वहीं एक सवाल मन में उठता है कि आखिर पार्टियों को चुनाव चिन्ह कैसे दिए जाते हैं? नई राजनीतिक पार्टी बनाने के नियम और प्रक्रिया क्या हैं? आज हम आपको बताएँगे कि नई राजनीतिक पार्टी बनाने के नियम और प्रक्रिया क्या हैं.
भारत में इतने प्रकार के होते हैं राजनीतिक दल
- भारत में तीन प्रकार की राजनीतिक पार्टियां होती हैं.
- राष्ट्रीय पार्टी
- राज्य स्तरीय पार्टी
- गैर-मान्यता प्राप्त (लेकिन चुनाव आयोग में पंजीकृत)
भारत में कितने राजनीतिक दल
वर्तमान में, हमारे देश में 7 राष्ट्रीय, 58 राज्य स्तरीय और 1,786 गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल हैं. इन्हें चुनावों में प्राप्त मतों और सीटों की संख्या के आधार पर राष्ट्रीय या राज्य स्तरीय दल के रूप में नामित किया जाता है. वहीं आपकी जानकारी के लिए बता दें कई इन दलों की संख्या समय-समय पर बदलती रहती है.
कैसे बनती है एक नई पार्टी
आपको बता दें कि यह प्रक्रिया चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर बताई गई है. चुनाव आयोग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, पार्टी बनाने वाले व्यक्ति को पहले चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध एक फॉर्म भरना होगा और उसे 30 दिनों के भीतर चुनाव आयोग को जमा करना होगा. अब आप सोच रहे होंगे कि क्या इसके लिए कोई फीस अदा करनी पड़ती है? तो आपको बता दें कि इसके लिए चुनाव आयोग को ₹10,000 का प्रोसेसिंग शुल्क भी देना होगा, जो एक मांग पत्र (डिमांड ड्राफ्ट) के माध्यम से जमा किया जाता है.
पार्टी को तैयार करने होंगे रूल्स
इसके बाद पार्टी संस्थापक को एक संविधान तैयार करना होगा, जिसमें पार्टी का नाम, उसका उद्देश्य और उसके संचालन का विवरण हो. इस संविधान में पार्टी के विभिन्न नियमों, जैसे अध्यक्ष का चुनाव और अन्य नियम, का उल्लेख होगा. इस संविधान में स्पष्ट रूप से उल्लेख होना चाहिए कि पार्टी भारत के संविधान और समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र के सिद्धांतों के प्रति सच्ची आस्था और निष्ठा रखेगी.
चुनाव आयोग को देनी होंगी ये सभी जानकारी
इसके बाद पार्टी बनाने से पहले, अध्यक्ष और बाकी लोगों के बारे में जानकारी देनी होगी और संविधान की एक प्रति पर उनके हस्ताक्षर और मुहर लगानी होगी. यदि पार्टी का बैंक खाता है, तो वो जानकारी भी देनी होगी.
पार्टी में होने चाहिए इतने सदस्य
पार्टी में कम से कम 100 सदस्य होने चाहिए और वे किसी अन्य पार्टी से संबद्ध नहीं होने चाहिए. पदाधिकारियों, कार्यकारिणी समिति और कार्यकारी परिषद के बारे में जानकारी पहले से उपलब्ध कराई जानी चाहिए. पार्टी को एक हलफनामा भी प्रस्तुत करना होगा जिसमें यह बताया गया हो कि पार्टी का कोई भी सदस्य किसी अन्य पार्टी से संबद्ध नहीं है.
चुनाव चिन्ह आवंटित करने की प्रक्रिया
इन सभी नियमों को फॉलो करने के बाद बारी आती है चुनाव चिन्ह की, तो आपको बता दें, भारत का चुनाव आयोग राजनीतिक दलों को चुनाव चिन्ह आवंटित करता है. यह शक्ति संविधान के अनुच्छेद 324 (जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 और चुनाव संचालन नियम, 1961) के तहत प्रदान की गई है. चुनाव आयोग ने चुनाव चिन्ह (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 जारी किया, जिसके आधार पर राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को चिन्ह आवंटित किए जाते हैं.

