Maa Film Review: फिल्म की शुरुआत चंदरपुर (पश्चिम बंगाल) से होती है, जहां एक नवजात लड़की की बलि दी जाती है और फिर कहानी सीधे 40 साल आगे बढ़ती है। अंबिका अपने पति शुभांकर और बेटी श्वेता के साथ अच्छी खुशहाल जिंदगी जी रही है. लेकिन फिर शुभांकर को अपने घर चंदरपुर जाना पड़ता है और वहां उसकी मौत हो जाती है. इसके बाद अंबिका अपनी बेटी के साथ वहां जाती है और फिर वहां उसका सामना एक राक्षस से होता है। पौराणिक दंतकथाएं सच होने लगती हैं और फिर जो होता है वो आपको फिल्म में देखने को मिलेगा।
काजोल की दमदार एक्टिंग
बात एक्टिंग की करें तो काजोल ने फिल्म में माहौल खींचा है। चाहें इमोशन्स हों या फिर एक्शन, काजोल ने हर फ्रेम में अपना दम दिखाया है. फिल्म के क्लाइमैक्स में काजोल को देखकर मजा ही आ जाता है. वहीं काजोल के अलावा फिल्म में निगेटिव रोल में रोनित रॉय नजर आ रहे हैं, जिन्होंने किरदार में जान डालने का काम किया है. इन दोनों के अलावा भी जो बाकी कलाकार हैं, वो अपने अपने किरदारों में एक दम परफेक्ट दिख रहे हैं। इस लिस्ट में इंद्रनील सेनगुप्ता, खेरीन शर्मा, जितिन गुलाटी और दिव्येंदु भट्टाचार्य तक शामिल हैं।
एक परफेक्ट फैमिली फिल्म
तकनीकि तौर पर ये फिल्म कसी हुई है। फिल्म में बढ़िया वीएफएक्स, स्क्रीनप्ले और सिनेमैटोग्राफी देखने को मिलती है. इसके साथ ही म्यूजिक और बैकग्राउंड स्कोर भी अच्छा है। हालांकि एडिटिंग थोड़ी और बेहतर हो सकती थी। फिल्म में बेहतरीन कलर्स का इस्तेमाल किया गया है। कई शॉट्स हैं जो काफी खूबसूरत हैं. वहीं हॉरर के साथ ही माइथो को भी प्यारा दिखाया गया है। वैसे ये कहना भी गलत नहीं होगा कि विशाल फूरिया का काम अच्छा है। इस फिल्म को हमारी तरफ से चार स्टार्स, जिसे आपको जरूर थिएटर्स में देखना चाहिए। ये एक परफेक्ट फैमिली फिल्म है, जो आप पूरे फैमिली के साथ एन्जॉय कर सकते हैं. फिल्म में मां की ममता और ताकत को अच्छे से दिखाया है।
फिल्म: मां
कलाकार: काजोल, रोनित रॉय, इंद्रनील सेनगुप्ता, खेरीन शर्मा, जितिन गुलाटी और दिव्येंदु भट्टाचार्य
निर्देशक: विशाल फूरिया
समय: 135 मिनट
कहां देखें: सिनेमाघरों में
रेटिंग: 4 स्टार्स