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Jolly LLB 3 Review: स्क्रीन पर दिखे एक साथ दो जॉली, किसानों के दर्द को बयां करती, जाने इस फिल्म की पूरी कहानी

Jolly LLB 3 Review : जॉली एलएलबी 3 (Jolly LLB 3 ) 19 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. फैंस इस मच-अवेटेड फिल्म का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. तो चलिए आपको बताते हैं कि अक्षय कुमार और अरशद वारसी की ये फिल्म आपकी उम्मीदों पर कितनी खरी उतरेगी.

By: Shivashakti Narayan Singh | Last Updated: September 19, 2025 1:10:49 PM IST



Jolly LLB 3 Review : फिल्म की शुरुआत होती है अक्षय कुमार (Akshay Kumar) और अरशद वारसी ( Arshad Warsi) के टकराव से. पहले जॉली, यानी जगदीश त्यागी, जो मेरठ की गलियों से निकलकर अब दिल्ली की अदालत तक पहुंच चुके हैं. लेकिन कंजूसी की पुरानी आदत छुटी नहीं है. वहीं, दूसरा जॉली, जगदीश्वर मिश्रा, कानपुर से दिल्ली तक आकर अपना चेंबर बना चुके हैं, लेकिन इनकी भी कंजूसी की आदत अभी तक नहीं छूटी है. इसलिए वह पहले जॉली के मामलों को हड़पने में लगे रहते हैं. इसलिए आए दिन दोनों में झगड़े होते रहतें हैं.

जानकी के इंसाफ पर आधारित है कहानी

इस फिल्म में जानकी देवी (सीमा बिस्वास), जो एक किसान की पत्नी हैं. उनकी जमीन को बिजनेसमैन हरीभाई खेतान (गजराज राव) ने धोखे से हड़प लिया और इस घटना से उनके पति और बहू ने तंग आकर आत्महत्या कर ली. अब जानकी इंसाफ के लिए जॉली के पास दिल्ली कोर्ट आती हैं. और दोनों जॉली उनकी मदद से इनंकार कर देते हैं , लेकिन उनकी कहानी सुनने के बाद दोनों जॉली एक साथ मिल जातें हैं. Jolly LLB 3 की कहानी साधारण लग सकती है, लेकिन फिल्म देखने पर यह बहुत इमोशनल और दिल छू लेने वाली साबित होती है क्योंकि फिल्म किसानों के दर्द को सीधे दर्शकों तक पहुंचाती है जो दिल को छु लेता है ,इसमें इस बात को समझाया गया है कि आज की जनरेशन समझती है खाना हमें किसान नहीं- स्विग्गी और जोमैटो देता है व जय जवान – जय किसान जैसे नारे इसे और भी भवात्मक रुप से दर्शकों से जोड़ते हैं.

फिल्म का ट्रीटमेंट

फिल्म में कई गुड फैक्टर्स हैं, जो हंसी और भावनाओं को एक मिश्रित रुप देते हैं. हरीभाई खेतान का ‘बिकानेर टू बॉस्टन’ वाला सपना और उसकी कंजूसी आपको बिलकुल वास्तविक कहानी जैसी लगेगी. अक्षय (Akshay Kumar) और अरशद  ( Arshad Warsi) ने बेहतरीन अभिनय किया है व जज बने सौरभ शुक्ला और सीमा बिस्वास ने भी गहरी छाप छोड़ी है फिल्म में जब सौरभ शुक्ला की एंट्री होती है तो पूरा सिनेमाघर तालिओं से गुंज उठता है व सौरभ की ‘जजगिरी’ आपको खुब हंसाएगी और पुरानी जॉली एलएलबी फिल्मों की याद दिलाएगी. हुमा कुरैशी और अमृता राव भी अपने-अपने रोल में सधे हुए हैं. राम कपूर ने ‘मीन’ वकील का रोल किया है, गजराज राव ने भी अपने रोल को बखुबी निभाया है.

फिल्म की खामियां

जॉली एलएलबी 3 (Jolly LLB 3 ) के खामियों की बात की जाए तो वह है कोर्टरूम के ड्रामा का कम होना. पहले हाफ में कहानी और छोटे-मोटे केस दिखाने में इतना समय लग गया कि कोर्टरूम के बड़े ड्रामे मिस हो जाते हैं. लेकिन अक्षय-अरशद-सौरभ की मजेदार तिकड़ी इसे पूरी तरह से एंटरटेनिंग बना देती है.

गाने और डायलॉग्स

जॉली एलएलबी 3 (Jolly LLB 3 ) में गाने जबरदस्ती नहीं डाले गए हैं जो कि इसको और बेहतर बनाता है व डायलॉग्स ऐसे हैं कि सुनकर आप हंसते हुए ताली जरुर बजा देंगे .

निष्कर्ष

अगर आप फिल्म देखने का प्लान बना रहे हैं, तो Jolly LLB 3 परिवार के साथ देखने के लिए बेहतरीन फिल्म है. इसमें इमोशन, सोशल मैसेज और हंसी का शानदार तड़का है

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