Ashish Vidyarthi Struggle Story: नेशनल अवॉर्ड जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार के बाद भी जब आशीष विद्यार्थी (Ashish Vidyarthi) ने हाल ही में एक इंटरव्यू में खुलकर बताया कि अपनी जिंदगी में वो बहुत बुरे दौर से गुजरे हैं। यह दौर उन्हें बहुत दर्दनाक लगा। उन्होंने बड़े स्टार्स के साथ बी ग्रेड की फिल्में करने पर भी बड़ा खुलासा किया। इंडस्ट्री के दमदार अभिनेता होने के पहले उनका सफर कितना दर्दनाक रहा, आईए जानते हैं।
आशीष विद्यार्थी ने सिद्धार्थ कन्नन को हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में बताया कि, उन्होंने अपने करियर की तमाम फिल्में पैसों के लिए कीं। उनके पेरेंट्स बुजुर्ग थे। वो एक इमोशनल एक्टर थे, जब उन्होंने मुंबई जैसे शहर में कदम रखा तभी अपने माता पिता को एक अच्छी लाइफस्टाइल देने का सोच लिया था। लेकिन, जिम्मेदारी थी तो अच्छे रोल्स के लिए इंतजार करना पड़ता था।
उस दौर को याद करते हुए उन्होंने बताया कि वो बहुत बुरा समय था जब ऊटी में बनी कम-बजट एक्शन फिल्मों का सेट उनका सहारा बन गया था। वह मिथुन चक्रवर्ती के साथ कई बी-ग्रेड फिल्मों में हाथ बटाते रहे और यह वक्त उनके लिए सचमुच बहुत दर्दनाक था, खुद को इस तरह से देखना उन्हें अंदर से तोड़ता था। उन्हें अंदाजा था कि दर्शकों की उम्मीदें उनसे कितनी ऊंची थीं और जब लोग कहते, तुम इससे बेहतर कर सकते हो, तो उनका जवाब केवल हामी भरकर काम करना होता था।
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किराए के घर में रहते थे आशीष
बता दें कि जब मिथुन चक्रर्ती का करियर फ्लॉप होने लगा तो उन्होंने ऊटी में कम बजट की एक्शन फिल्में की थीं। इसकी संख्या 100 से भी ज्यादा है। तब मीडिया ने कहा था कि वह ‘बी-ग्रेड’ फिल्में कर रहे हैं। लोगों ने उनकी फिल्मों को नीची नजरों से देखा था। आशीष ने बताया कि वो उस वक्त किराए के घर में रहते थे। उस पड़ाव पर, उन्होंने सोचा बॉस अब कुछ एक्शन लेना पड़ेगा। लेकिन, उस समय स्थिति ऐसी थी कि वो चाहकर भी किसी को ना नहीं कह सकते थे। कई महान डायरेक्टर्स ने उनसे कहा कि “क्यों नहीं, करेगा बे।”
जब साउथ सिनेमा में आजमाया हाथ
वही वो समय था जब आशीष ने साउथ इंडस्ट्री में अपना हाथ आजमाया। महीनों तक काम की कमी रहने के बाद एक मौका तब मिला, जब फिल्ममेकर टी. रामा राव का फोन आया। राव ने कहा, मैं तुम्हें नहीं चाहता, लेकिन मेरे पागल निर्देशक चाहते हैं, तुम्हें फिल्म करनी होगी और तुम्हें पैसे मैं दूंगा,”। लेकिन, इसके बाद जब वह तैयार हुए तो डायरेक्टर ने कहा कि वो मजाक कर रहे थे। यही पल उनकी जद्दोजहद का प्रतीक बन गया।

