1978 में रिलीज हुई ‘डॉन’ केवल एक फिल्म नहीं, बल्कि हिंदी सिनेमा के इतिहास में मील का पत्थर साबित हुई। अमिताभ बच्चन की दमदार एक्टिंग, रोमांचक कहानी और यादगार डायलॉग्स ने इस फिल्म को क्लासिक बना दिया। लेकिन इस सफलता के पीछे कई अनसुनी कहानियां छिपी हैं। ऐसी ही एक रोचक कहानी जुड़ी है फिल्म के सबसे फेमस गाने ‘खईके पान बनारस वाला’ से, जिसे हालातों ने तबेले में शूट करवाया लेकिन नतीजा एक ऐसा गाना बना, जो आज भी लोगों की जुबान पर है।
फिल्म की शूटिंग लगभग पूरी हो चुकी थी, लेकिन लेखक जावेद अख्तर को सेकंड हाफ कुछ फीका लगा। उन्हें लगा कि इसमें एक हल्के-फुल्के गाने की जरूरत है जो कहानी को बैलेंस कर सके। उन्होंने प्रोड्यूसर नरीमन ईरानी से ये मांग रखी। हालांकि फिल्म पर पहले ही साढ़े तीन साल खर्च हो चुके थे और बजट खत्म हो चुका था। इसके बावजूद जावेद अख्तर ने अपनी बात पर अड़ गए और आखिरकार गाना रिकॉर्ड कर लिया गया।
समय और पैसे की किल्लत
रिकॉर्डिंग के बाद अगली चुनौती थी इस गाने को फिल्माना। लेकिन मुश्किलें यहीं खत्म नहीं हुईं। अमिताभ बच्चन विदेश यात्रा पर जाने वाले थे और केवल एक दिन के लिए ही उपलब्ध थे। ना सेट बनाने का समय था, ना बजट। ऐसे में एक अनोखा फैसला लिया गया गाने की शूटिंग गोरेगांव के एक तबेले (भैंसों के बाड़े) में की जाएगी।
तबेले में शूट हुआ ‘खईके पान बनारस वाला’
फिल्म की पूरी टीम ने इस चैलेंज को एक अवसर में बदल दिया। बिना किसी भव्य सेट या तामझाम के, पूरे जोश और रचनात्मकता के साथ गाने की शूटिंग कर ली गई। यही गाना बाद में फिल्म का सबसे यादगार हिस्सा बन गया। लोगों को कभी ये अंदाजा नहीं हुआ कि ये दृश्य दरअसल एक तबेले में शूट हुआ था।
‘खईके पान बनारस वाला’ इस बात की मिसाल है कि सिनेमा में सिर्फ बड़े बजट या चमक-धमक ही नहीं, बल्कि जुनून और क्रिएटिव सोच भी इतिहास रच सकती है। ये गाना आज भी हिंदी सिनेमा के सबसे यादगार गीतों में गिना जाता है और उसके पीछे छिपी संघर्ष की कहानी उतनी ही प्रेरणादायक है।

