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सांता क्लॉज कौन हैं? क्रिसमस क्यों मनाया जाता है और क्यों बांटते हैं गिफ्ट?

Who is Santa Claus: हर साल क्रिसमस के त्योहार के बीच सांता क्लॉज अपने 'हो-हो-हो' के साथ लाल और सफ़ेद कपड़ों में लंबी सफ़ेद दाढ़ी और बालों के साथ बच्चों की खुशी का प्रतीक बन जाते है. अपने कंधे पर तोहफ़ों से भरा बड़ा थैला और हाथ में क्रिसमस की घंटी लिए सांता को कौन नहीं पहचानता? बच्चों के लिए सांता क्रिसमस का सबसे बड़ा आकर्षण है.

By: Mohammad Nematullah | Last Updated: December 22, 2025 9:56:12 PM IST



Who is Santa Claus: हर साल क्रिसमस के त्योहार के बीच सांता क्लॉज अपने ‘हो-हो-हो’ के साथ लाल और सफ़ेद कपड़ों में लंबी सफ़ेद दाढ़ी और बालों के साथ बच्चों की खुशी का प्रतीक बन जाते है. अपने कंधे पर तोहफ़ों से भरा बड़ा थैला और हाथ में क्रिसमस की घंटी लिए सांता को कौन नहीं पहचानता? बच्चों के लिए सांता क्रिसमस का सबसे बड़ा आकर्षण है.

सांता का रहस्यमयी जीवन और घर

माना जाता है कि सांता का घर उत्तरी ध्रुव पर है. वहां वह अपनी पत्नी और दर्जनों एल्फ़्स के साथ रहते है जो साल भर एक बड़ी खिलौनों की फ़ैक्ट्री में काम करते है. ये वही खिलौने है जो क्रिसमस पर बच्चों तक पहुंचते है.

सांता उड़ने वाले बारहसिंगों द्वारा खींची जाने वाली स्लेज पर यात्रा करते है. वह बच्चों को तोहफ़े देने के लिए आधी रात को आते है. कहा जाता है कि अगर बच्चे जल्दी नहीं सोते है, तो सांता उन्हें तोहफ़े देने नहीं आएंगे. यही वजह है कि कई जगहों पर बच्चे सुबह उनमें तोहफ़े मिलने की उम्मीद में अपने मोज़े बाहर लटकाते है.

सेंट निकोलस से सांता क्लॉज तक

सांता क्लॉज का मौजूदा रूप 19वीं सदी में आया है. लेकिन उनकी कहानी पंद्रह सौ साल पुरानी है. असल में सांता का इतिहास सेंट निकोलस से जुड़ा है, जिनका जन्म तीसरी सदी में मायरा (आज का तुर्की) में हुआ था.

सेंट निकोलस एक अमीर परिवार से थे लेकिन जब वह छोटे थे तभी उनके माता-पिता की मृत्यु हो गई. उन्हें यीशु में गहरी आस्था थी और बाद में वह एक पादरी और फिर ईसाई चर्च के बिशप बन गए. सेंट निकोलस को जरूरतमंदों और बच्चों को तोहफ़े देना पसंद था.

सेंट निकोलस की मशहूर कहानी

कहा जाता है कि एक गरीब आदमी जिसके पास अपनी तीन बेटियों की शादी करने के लिए पैसे नहीं थे, उसे उन्हें मजदूरी और वेश्यावृत्ति में भेजने के लिए मजबूर होना पड़ रहा था. निकोलस ने चुपके से उसकी बेटियों के सूख रहे मोज़ों में सोने के सिक्कों के थैले रख दिए. इस घटना से प्रेरित होकर आज भी बच्चे अपने मोज़े या जूते बाहर लटकाते है. इस उम्मीद में कि सांता उनमें तोहफ़े रखेंगे.

सांता क्लॉज नाम कहां से आया?

सांता का नाम डच ‘सिंटरक्लास’ से आया है, जो बाद में सांता क्लॉज बन गया. 6 दिसंबर को ‘सेंट निकोलस दिवस’ ​​के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि यह उनके निधन का दिन है. अमेरिका में सांता का ज़िक्र सबसे पहले 1773 में ‘सेंट ए क्लॉस’ के नाम से किया गया था.

1930 में कलाकार हैडन सुंडब्लोम ने कोका-कोला के विज्ञापनों में सांता की आधुनिक छवि पेश की. लाल और सफ़ेद कपड़ों में सांता की यह नई छवि बहुत लोकप्रिय हुई और आज भी इसे सांता की स्टैंडर्ड छवि माना जाता है.

सांता और क्रिसमस के बीच अटूट रिश्ता

सांता क्लॉस बच्चों की खुशी का प्रतीक है. उनकी उदारता और प्यारे तोहफ़ों ने उन्हें क्रिसमस का एक जरूरी हिस्सा बना दिया है. आज भी बच्चे अपने प्यारे सांता का इंतज़ार करते है. जो हर क्रिसमस पर उनके चेहरों पर मुस्कान लाते है. इस तरह सांता की कहानी हमें अच्छा बनने दयालु बनने और दूसरों के लिए कुछ करने की प्रेरणा देती है.

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