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दिल्ली ब्लास्ट मामले में नया मोड़, अलफलाह यूनिवर्सिटी चेयरमैन जवाद सिद्दीकी का टूटेगा अवैध मकान, कैंट बोर्ड ने दिया नोटिस

दिल्ली धमाके (Delhi Blast Case) के मामले में तेजी से जांच लगातार जारी है. इस दौरान अल-फलाह यूनिवर्सिटी (Al-Falah University) से संबंध सामने आने के बाद, यूनिवर्सिटी के चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी (Ahmed Siddiqui) के मध्य प्रदेश कनेक्शन पर प्रशासन पूरी तरह से सक्रिय हो गया है.

By: DARSHNA DEEP | Published: November 20, 2025 6:00:32 PM IST



Delhi Blast Case Latest Update:  राजधानी दिल्ली में लाल किले के पास हुए धमाके में एक के बाद एक नए मोड़ सामने आते जा रहे हैं. ब्लास्ट मामले की जांच के दौरान अल-फलाह यूनिवर्सिटी से संबंध सामने आने के बाद, यूनिवर्सिटी के चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी के मध्य प्रदेश कनेक्शन को लेकर प्रशासन पूरी तरह से सक्रिय हो गया है. इसके साथ ही छावनी बोर्ड ने जवाद के मुकेरी मोहल्ला स्थित अवैध मकान पर बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी शुरू कर दी गई है. 

मुख्य कार्रवाई और क्या है कनेक्शन?

कैंट बोर्ड ने जवाद सिद्दीकी के मुकेरी मोहल्ला स्थित मकान (नंबर 1371) को अब पूरी तरह से अवैध घोषित कर दिया है. बोर्ड ने मकान को 3 दिन के अंदर स्वंय हटाने का नोटिस भी पूरी तरह से जारी कर दिया है. इसके साथ ही नोटिस में यह लिखा गया है कि तय समय में अतिक्रमण नहीं हटाए जाने पर कैंट बोर्ड खुद सख्ती से मकान हटा देगा. 

इसके साथ ही यह मकान बिना किसी अनुमति के बनाया गया था.  इसके लिए साल 1996-97 में भी नोटिस जारी कर दिया गया था. जानकारी के मुताबकि, यह मकान औपचारिक रूप से जवाद के पिता, हम्माद अहमद सिद्दीकी के नाम पर पहले से ही दर्ज था. 

क्या है भाई का आपराधिक रिकॉर्ड?

जवाद का भाई, हमूद सिद्दीकी को भी जांच के बाद दिल्ली धमाके का मुख्य आरोपी बना जा रहा है. जिसके बाद जांच एजेसियों ने सख्ती से कार्रवाई करते हुए हमूद सिद्दीकी को गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता हासिल की है. तो वहीं, दूसरी तरफ साल 1988 मध्य प्रदेश में दंगा करने का आरोप भी हमूद सिद्दीकी पर लगाया जा रहा है. इस दंगे के बाद हमूद को पुलिस की टीम ने कड़ी मश्ककत के बाद हैदराबाद से गिरफ्तार किया था. 

फिलहाल, इस कार्रवाई से यह पता चलता है कि दिल्ली लाल किले के पास हुए धमाके की जांच लगातार और तेजी से जारी है. देशभर में फैले संदिग्धों के अवैध नेटवर्क और संपत्तियों तक हमारी जांच एजेसियां तेजी से पहुंचने की कोशिश में जुटी हुई हैं. 

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