Prashant Kishor Press Conference: बिहार विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद सरकार गठन की कोशिशें तेज़ हो गई हैं. वहीं करारी हार के बाद विपक्षी भी लगातार भड़के हुए हैं. वहीं एक दिन पहले कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल से मुलाकात की और विधानसभा भंग करने की सिफ़ारिश सौंपी. एनडीए के दो प्रमुख घटक दलों, भाजपा और जदयू, की दिल्ली में सरकार गठन पर चर्चा के लिए बैठक होनी है. वहीं अब इस बीच चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया, जहाँ वो चुनाव नतीजों पर चर्चा कर रहे हैं और अपनी भविष्य की राजनीतिक दिशा के बारे में कई बड़े ऐलान कर रहे हैं.
बिहार में हार के लिए मैं जिम्मेदार- प्रशांत किशोर
प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों से बात करते हुए, प्रशांत किशोर ने कहा कि एक ऐसी पार्टी की रैली में इतने सारे लोग शामिल हुए जिसे सिर्फ़ 3.5% वोट मिले. इससे पता चलता है कि हमने ज़रूर कुछ अच्छा काम किया होगा. हम व्यवस्था परिवर्तन के वादे के साथ आए थे, लेकिन वो कामयाब नहीं हुआ. हम सत्ता परिवर्तन भी नहीं कर पाए. ज़रूर कोई न कोई भूल हुई होगी जिसकी वजह से जनता ने हम पर भरोसा नहीं किया. इसकी ज़िम्मेदारी मेरी है. मैं बिहार की जनता का विश्वास जीतने में नाकाम रहा. हम सब मिलकर हार गए हैं. अब आत्ममंथन का समय है. हम आत्ममंथन करेंगे. जीतने वालों को बधाई. नीतीश कुमार और भाजपा को उनके किए वादों को पूरा करने के लिए बधाई. बिहार में पलायन रुकना चाहिए. नई व्यवस्था की उम्मीदों और आकांक्षाओं पर खरा न उतरने के लिए मैं ज़िम्मेदार हूँ. मैं व्यवस्था बनाने में नाकाम रहा हूँ. दो दिन बाद, 20 तारीख को, मैं गांधी आश्रम में एक दिन का मौन उपवास रखूँगा. हम इस उपवास को प्रायश्चित के रूप में रखेंगे.” कमियाँ रही होंगी, पर हमने कोई गुनाह नहीं किया. वोट न मिलना कोई गुनाह नहीं है. ये मैं गर्व से कह सकता हूँ.
महिलाओं को 10 हजार देने पर भड़के प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने कहा कि यह बिल्कुल स्पष्ट है कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार सरकार ने 40 हजार करोड़ रुपये खर्च करने का वादा किया और इसी वजह से एनडीए को इतने वोट मिले. मेरा मानना है कि लोगों ने 10 हजार रुपये में अपना वोट नहीं बेचा. इस बहस का कोई अंत नहीं है और लोग चुनाव आयोग की आलोचना कर रहे हैं. प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 60 से 62 हजार लोगों को 10 हजार रुपये दिए गए. लोगों को यह बताने के लिए पूरी सरकारी मशीनरी लगा दी गई कि उन्हें 2 लाख रुपये की और सहायता मिलेगी. जीविका दीदियों को तैनात किया गया और आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं के वेतन में वृद्धि की गई. आशा, ममता और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं पर 10 हजार करोड़ रुपये खर्च किए गए और शेष राशि वितरित की गई, कुल मिलाकर लगभग 29 हजार करोड़ रुपये.
6 महीने में महिलाओं को दो 2-2 लाख – प्रशांत किशोर
इतना ही नहीं बल्कि प्रशांत किशोर ने कहा कि आपने जो 2 लाख देने का वादा किया है, उन महिलाओं को अब 6 महीने में 2-2 लाख दीजिए. अगर आपने नहीं दिया तो साफ है, आपने 10 हजार रुपए सभी से वोट खरीदने के लिए इस्तेमाल किया. मैंने 25 सीट की बात की थी और अब भी कायम हूं. अगर नीतीश कुमार 1.5 करोड़ लोगों को 2-2 लाख रुपए दे दें तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा.
मैं राजनीति छोड़ दूंगा–प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने कहा कि पूरा सरकारी तंत्र चुनाव जिताने में लगा रहा. प्रत्येक विधानसभा में 60-62 हजार महिलाओं को 10-10 हजार रुपये भेजे गए. सरकारी खर्चे से 29 हजार करोड़ रुपये बांटे गए. अगर नीतीश कुमार ने वोट नहीं खरीदा है तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा. मैंने कहा था कि नीतीश कुमार को 25 सीट आने पर राजनीति छोड़ दूंगा. लेकिन, नीतीश ने पैसे देकर वोट लिया है.
लाल किला ब्लास्ट के बाद दिल्ली के स्कूलों और कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी, प्रशासन में मची भगदड़